नई दिल्ली. मुस्लिम संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के खिलाफ व्यापक रूप से चली कार्रवाई ने देश में तहलका मचा रखा है। पीएफआई के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर अहम सरकारी सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि कई राज्यों और एजेंसियों के साथ योजना और समन्वय में महीनों का समय लग गया। ऊपर से दिए गए निर्देशों के अनुसार इस ऑपरेशन को गुप्त रखने के लिए सुरक्षा अधिकारियों ने अपने समकक्षों के साथ बहुत ही सावधानी से बैठकें और बातचीत की. इसकी गोपनीयता ऐसी थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल ने ऐसे समय में केरल पुलिस के साथ बैठकें कीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की शुरुआत में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को चालू करने के लिए कोच्चि गए थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशन पर सुरक्षा दलों ने NSA अजीत डोभाल की कमान संभालते हुए ऑपरेशन को पूरी तरह से अंजाम दिया। केरल का दौरा करने के बाद, NSA डोभाल मुंबई गए, जहां वह शहर के गवर्नर हाउस में सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए रुके थे. सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत सावधानी बरती गई तथा साथ ही यह भी बताया कि जिस तरह जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने के दौरान गोपनीयता बरती गई थी ठीक वैसे ही PFI के खिलाफ इस कार्रवाई में भी अत्यंत गोपनीयता रखी गई. सूत्रों के हवाले से यह बात कही गई कि विभिन्न राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल कट्टरपंथी सगंठन (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) PFI के खिलाफ कार्रवाई की गोपनीय योजना पिछले चार महीनों से चल रही थी और इसे इस तरह से विकसित किया गया था कि 11 राज्यों में PFI के ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की जा सके।