स्कूल में अब तक आपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाई करते देखा होगा। क्या आपने कभी किसी लंगूर बंदर को स्कूल में पढ़ते देखा है। नहीं देखा तो अब देख लिजिए। दरअसल झारखंड के हजारीबाग से ऐसा ही एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक लंगूर बंदर पिछले सात दिनों से हर रोज स्कूल आता है। वो भी बिल्कुल सही समय पर। क्लास शुरू होने से ठीक पहले वह पहुंच जाता है। हैरानी की बात तो ये है कि वह छुट्टी होने पर खुद ही उठ कर चला जाता है। वह 9वीं क्लास में बैठ कर पढ़ाई करता है। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग के अधिकारी बंदर को वहां से ले गए है।
पहले बेंच पर बैठता है बंदर
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यह अनोखा मामला हजारीबाग जिले के चौपारण स्थित उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय दनुआ सामने आया है। यहां हर रोज एक बंदर पढ़ाई करने के लिए आ रहा है। शुरु में स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी घबरा गए लेकिन अब सबकुछ नॉर्मल हो गया। बच्चे भी बंदर के साथ बैठ क्लास कर रहे हैं। यह अनोखा बंदर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्कूल प्रबंधन ने इसे भगाने की लाख कोशिश की लेकिन बंदर नहीं भागा। वह अब रोजाना क्लास करने स्कूल आ रहा है। बंदर पहली बेंच पर ही बैठता है। सात दिनों से वह लागातार स्कूल आ रहा है।
बच्चे भी आनंद पढ़ रहे
जानकारी के मुताबिक बंदर 6 सितंबर को पहली बार स्कूल आया था। सुबह 10 बजे पहली बार वह स्कूल के नवीं कक्षा में घूस गया और पहली बेंच पर बैठ गया। क्लास में बंदर को अचानक देख शिक्षक और क्लास के विद्यार्थी घबरा गए। उसे भगाने की लाख कोशिश की गई। लेकिन बंदर शांत होकर बेंच पर बैठा रहा। थोड़ी देर बाद साहस जुटाकर बच्चे भी पढा़ई करने बैठ गए। इसके बाद से बंदर रोज निर्धारित समय पर स्कूल आ रहा है। नवीं कक्षा के पहले बेंच पर बैठ बच्चों के साथ पढा़ई करता है। शिक्षकों की बातें ध्यान से सुनता है। स्कूल छुट्टी होने पर वह खुद चला जाता है। स्कूल के बच्चें भी इसे मनोरंजन के तौर पर देख रहे हैं। बच्चों का डर अब खत्म हो गया है।
छुट्टी होते ही बंदर चला जाता है
वहीं इसी बीच विद्यालय के प्रिंसिपल रतन कुमार वर्मा ने बताया कि सात दिनों से बंदर लागातार स्कूल आ रहा है। शुरु में तो घबराहट हुई लेकिन अब शिक्षक और बच्चों में डर खत्म हो गया है। बंदर क्लास में पढ़ा रहे शिक्षकों की बातें ध्यान से सुनता है। स्कूल की छुट्टी होते ही वह बंदर चला जाता है।