Online Betting Scam: कांग्रेसी विधायक का 2000 करोड़ का जाल बेनकाब ईडी की बड़ी कार्रवाई, जब्ती 150 करोड़ रुपये से अधिक

ईडी ने विधायक केसी वीरेंद्र के अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। अब तक 150 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। जांच में ईडी का फोकस छिपी संपत्तियों की खोज पर है।

Online Betting Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बेंगलुरु में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) 2002 के तहत एक बड़ी छापेमारी की है। इस तलाशी अभियान के दौरान ईडी को भारी मात्रा में नकदी, सोना, आभूषण और महंगी गाड़ियां मिली हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक कुल जब्त संपत्ति की कीमत 150 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है। इसमें पहले से जब्त किए गए 21 किलो सोने की छड़ें, नकद रकम, लक्जरी वाहन और फ्रीज किए गए बैंक खाते शामिल हैं।

विधायक केसी वीरेंद्र की गिरफ्तारी

चित्रदुर्ग विधानसभा क्षेत्र से विधायक केसी वीरेंद्र को ईडी ने इसी साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि वीरेंद्र ने अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ मिलकर कई अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट चलाईं। इनमें “किंग 567” और “राजा 567” जैसे प्लेटफॉर्म शामिल थे, जिनके माध्यम से करीब 2,000 करोड़ रुपये का सट्टा कारोबार हुआ। इन वेबसाइटों के जरिए लोगों को आसान कमाई के नाम पर फंसाया गया और ठगा गया।

ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क का खुलासा

ईडी के मुताबिक, इन वेबसाइटों से जुटाई गई रकम को “फोनपैसा” समेत कई पेमेंट गेटवे के जरिए पूरे भारत में ट्रांसफर किया गया। इस दौरान हजारों “म्यूल” खातों का इस्तेमाल किया गया, जो अलग-अलग बिचौलियों के नाम पर बनाए गए थे ताकि पैसे का असली स्रोत छिपाया जा सके। जांच में यह भी सामने आया कि इस अवैध आय का उपयोग विदेश यात्राओं, महंगी होटल सेवाओं, वीजा खर्चों और अन्य विलासितापूर्ण सुविधाओं के लिए किया गया।

ईडी की जांच में नए तथ्य

एजेंसी ने यह भी बताया कि सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़ी रकम से वेबसाइट प्रमोशन, डिजिटल मार्केटिंग, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, बल्क एसएमएस कैंपेन और प्लेटफॉर्म होस्टिंग जैसी सेवाओं के भुगतान भी किए गए। ये सभी गतिविधियां इस तरह से की गईं कि पैसों का वास्तविक स्रोत पकड़ में न आए।

ईडी के मुताबिक, एकत्र किए गए साक्ष्य यह साबित करते हैं कि अवैध ऑनलाइन गतिविधियों से प्राप्त धन को कई मध्यस्थ खातों के जरिए इधर-उधर घुमाया गया ताकि उसकी असली पहचान छिपाई जा सके। एजेंसी अब विधायक वीरेंद्र और उनके सहयोगियों से जुड़े अपराध की कमाई के स्रोत का पता लगाने में जुटी है। साथ ही, उनसे जुड़ी अतिरिक्त संपत्तियों और बैंक खातों की पहचान की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि यह रकम आखिर कहां तक पहुंची और किस-किस के पास गई।

Exit mobile version