Pahalgam Attack : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के करीब पांच महीने बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पुलिस ने दक्षिण कश्मीर निवासी मोहम्मद यूसुफ कटारिया को गिरफ्तार किया है, जो लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की मदद करने के आरोप में पकड़ा गया है। यूसुफ कटारिया की उम्र 26 वर्ष है और वह पेशे से शिक्षक है। पुलिस ने उसे श्रीनगर से दबोचा और फिर अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत हुई गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए लश्कर के आतंकियों के पास से मिले हथियारों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच के बाद यूसुफ कटारिया की भूमिका सामने आई। इस ऑपरेशन में तीन पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे, जिनका सीधा संबंध 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से था।
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22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 25 पर्यटक देश के अलग-अलग राज्यों से आए हुए थे। इस जघन्य वारदात ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से गहरा गया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने दिया जवाब
हमले के जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों ने 7 मई को एक विशेष सैन्य अभियान – ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस कार्रवाई में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए गए, जिनमें 9 आतंकवादी शिविरों को तबाह कर दिया गया और 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। हमले के तीन प्रमुख आतंकी—हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान (रावलकोट), अबू हमजा उर्फ हैरिस (सियालकोट), और मोहम्मद यासिर—को जुलाई के अंतिम हफ्ते में ऑपरेशन महादेव के दौरान एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। ये तीनों पाकिस्तानी नागरिक थे और पहलगाम हमले की साजिश के मुख्य किरदार थे। अब, इसी नेटवर्क से जुड़ा उनका स्थानीय संपर्क मोहम्मद यूसुफ कटारिया गिरफ्तार कर लिया गया है, जो इन आतंकियों को जानकारी, संसाधन और संभावित पनाह देने का काम करता था।