OIC की बैठक में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ रचि साजिश, खूब उगला जहर

ओआईसी की बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया और भारत पर आरोप लगाए। पाकिस्तान ने पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान पर भारतीय नेताओं के बयानों को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया।

Pakistan OIC Meeting

Pakistan OIC Meeting : इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक के दौरान पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत पर निशाना साधा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि उसने अज़रबैजान, तुर्किए, सऊदी अरब और नाइजर के साथ मिलकर कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के प्रति समर्थन जताया है।

पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारतीय नेताओं द्वारा पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर दिए गए कथित “गैर-जिम्मेदाराना” और “अनुचित” बयानों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा उत्पन्न हो सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान उस हिस्से को ‘आज़ाद कश्मीर’ कहता है जिस पर उसने 1948 में कब्जा कर लिया था और जिसे भारत अपना अभिन्न हिस्सा मानता है।

भारत पर कश्मीरी कार्यकर्ताओं के दमन का आरोप

OIC के मंच का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान ने भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप भी लगाए। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत सरकार ने कश्मीर में राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने की कोशिश की है — उनकी संपत्तियां जब्त की गई हैं, उन्हें हिरासत में लिया गया है और राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदियां लगाई गई हैं। पाकिस्तान के अनुसार, ये सभी कदम वहां की आम जनता को दबाने के इरादे से उठाए गए हैं।

भारतीय नेताओं के बयानों पर जताई आपत्ति

पाकिस्तान के आरोपों का सीधा संबंध भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयानों से है। उन्होंने कहा था कि “ऑपरेशन सिंदूर” अभी समाप्त नहीं हुआ है, केवल स्थगित हुआ है, और यह भी स्पष्ट किया कि एक दिन पीओके बिना किसी संघर्ष के भारत का हिस्सा बन जाएगा। इन्हीं बयानों को पाकिस्तान ने OIC में पेश कर यह तर्क दिया कि यह क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा हैं।

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पाकिस्तान ने भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। लेकिन खुद पाकिस्तान ने हाल ही में लाखों अफगान नागरिकों को जबरन देश से बाहर निकाला है। ऐसे में पाकिस्तान की ओर से मानवाधिकारों की दुहाई देना दोहरे मापदंड को दर्शाता है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सवाल उठ रहे हैं।

तुर्किए की दखलअंदाज़ी 

पाकिस्तान के करीबी देश तुर्किए ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया। तुर्की राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन के बयान की भारत ने कड़ी निंदा की। भारत ने साफ कहा है कि जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से उसका आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी बाहरी देश का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है।

अनुच्छेद 370 और भारत की स्थिति

भारत सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35A को रद्द कर दिया था। तभी से पाकिस्तान बार-बार इस पर आपत्ति जताता रहा है। हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह उसका संप्रभु निर्णय है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती।

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