तमिलनाडु में कल मनाया जाएगा पंगुनी उथिरम, इस दिन भगवान कार्तिकेय की होती है विशेष पूजा

तमिलनाडु में भगवान कार्तिकय को समर्पित एक त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को Panguni Uthiram  के नाम से देशभर में जाना जाता है। तमिलों में इस त्योहार का महत्तव काफी बड़ा होता है। इस त्योहार के शुभ अवसर पर तमिलनाडु निवासी भगवान शिव और पार्वती के साथ भगवान कार्तिकेय की विशेष रूप से पूजा किया करते है। इसके लिए विशेष आयोजन किए जाते है। आइए जानते है पंगुनी उथिरम का शुभ मुहूर्त की जानकारी

शुभ मुहूर्त पंगुनी उथिरम

इस त्योहार को मनाने के लिए शुभ मुहूर्त का समय

पंगुनी उथिरम का महत्तव

जिन लोगों को इस त्योहार की अधिक जानकारी नहीं है उन्हें बता दें तमिलों के बीच इस त्योहार का बहुत महत्व है। खासतौर पर इस दिन भगवान शिव जी और देवी पार्वती के साथ मुरूगन कार्तिकेय भगवान की पूजा किया करते है। कल यानी 5 अप्रैल इस त्योहार को बेहद धूम-धाम से मनाया जाने वाला है। इस दिन पर व्रत रखने का खास महत्तव होता है। कहा जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखते है, उन्हें मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ती होती है। इस दिन पर भगवान शिव जी और पार्वती माता की पूजा कर सुखी जीवन के लिए उनके आशीर्वाद की मनोकामाना करते है। खास तौर पर इस दिन भगवान के प्रसाद में पायसम नामक एक विषेश मिठाई को बनाया जाता है। इस दिन को 13 दिनों तक मनाया जाता है। बता दें प्रसाद के साथ भगवान को खुश करने के लिए लोग कई धार्मिक पुस्तकों जैसे कांडा षष्ठी कवसम और कांडा पुराणम आदि का पाठ करते हैं।

पंगुनी उथिरम की पूजा विधि

इस दिन पर पूजा करने के लिए लोग सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदी कार्यों को कर साफ वस्त्रों को धारन करते है। इसी के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है और उन्हें सुंदर वस्त्र, आभूषण और फूलों से सजाया जाता है। बता दें इस दिन शिव जी और देवी पार्वती जी का विवाह भी कराया जाता है। विवाह की रस्मों को पूरा करने के बाद लोग भगवान को प्रसाद के रूप में खीर अर्पित करते है। एक बार भगवान के भोग लग जाने के बाद उसे श्रद्धालुओं में बांट दिया जाता है। साथ ही भगवान मुरूगन की पूजा की जाती है, जिन भक्तों ने इस दिन व्रत रखा होता है, वह शाम को अपना व्रत खोल कर भगवान का प्रसाद ग्रहण करते है।

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