माँ से मिलकर लौट रहा हूँ
माँ, मुझसे मिलकर लौट नहीं पाती होगी
पकंज त्रिपाठी की मां पर लिखी है ये दो लाइनें पालायन कर कहीं काम करने वाले सभी लोगों के दिल की लाइनें है।
अब एक्टिंग के स्टार पकंज की मां कभी लौट नहीं पाएगी. दरअसल पंकज त्रिपाठी की मां, श्रीमती हेमवंती देवी, का निधन 30 अक्टूबर 2025 को उनके पैतृक गांव बेलसंड, गोपालगंज, बिहार में हुआ। वे 89 वर्ष की थीं और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। पंकज त्रिपाठी अपनी मां के अंतिम क्षणों में उनके साथ मौजूद थे।
परिवार जनों ने कहा है कि “उनका निधन अत्यंत शांतिपूर्वक, नींद में ही हुआ, जब वे अपने प्रियजनों के बीच थीं। अंतिम संस्कार 1 नवंबर 2025 को बेलसंड में परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और नजदीकी मित्रों की उपस्थिति में पूरा हुआ।”
मां के साथ रिश्ता
पंकज त्रिपाठी कई बार अपने इंटरव्यू में अपनी मां के साथ आत्मीयता और उनके सादा जीवन के बारे में बात कर चुके हैं। वे बताते हैं कि उनकी मां बॉलीवुड की चकाचौंध और उनके स्टारडम से दूर, सादा जिंदगी में ही खुश रहती थीं। अक्सर वे चाहती थीं कि उन्हें वापस गांव भेज दिया जाए ताकि वे वहीं अपने तरीके से जीवन जी सकें। पंकज की मां को उनके काम या प्रसिद्धि की कभी चिंता नहीं थी, बल्कि सादा और शांतिपूर्ण जीवन उनकी प्राथमिकता रही।
2023 में पिता का हुआ था निधन
पंकज त्रिपाठी के पिता, पंडित बनारस तिवारी, का भी निधन 2023 में 99 वर्ष की आयु में हुआ था। पिता के निधन के बाद पंकज ने एक साल का ब्रेक लेकर खुद को मानसिक रूप से संभालने का फैसला लिया था। अब मां के जाने के बाद, परिवार दो वर्षों में दूसरे बड़े नुकसान का सामना कर रहा है। इस घटना के कारण पंकज त्रिपाठी अपने काम और सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं ताकि परिवार को इस मुश्किल समय में पूरा साथ मिल सके।
लोग सोशल मीडिया और व्यक्तिगत रूप से पंकज त्रिपाठी व उनके परिवार को अपनी संवेदनाएं भेज रहे हैं लेकिन परिवार ने स्पष्ट रूप से निजता और शांति की अपील की है। बॉलीवुड इंडस्ट्री से भी कई कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
पंकज त्रिपाठी के चाहनेवाले और उनके परिवार के लिए यह बेहद गमगीन समय है। उनके प्रशंसक और मित्रगण इस कठिन घड़ी में परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं साझा कर रहे हैं और मां की याद में दुआएं कर रहे हैं।










