Parliament Session: आज से शुरु होगा सांसद का मानसून शत्र, कई मुद्दों पर विपक्ष करेगा हमला

Parliament Session: आज से संसद के मानसून सत्र शुरु होने जा रहा है। यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा. इस बार संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार जताए जा रहे हैं. इस सत्र मे करीब 32 बिल पेश किए जाएंगे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि इनमें से 18 बिल बिना बहस के पारित नहीं होंगे। दरअसल, इस बार संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार जताए जा रहे हैं। विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और अग्निपथ जैसे अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया है।

इस बार संसद का मानसून सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि आज ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है. चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र में संसद की 18 बैठकें होंगी.

सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, राजनाथ सिंह ने की अध्यक्षता

जोशी ने कहा कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक में लगभग 45 दलों को आमंत्रित किया था, जिनमें से 36 ने इसमें भाग लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में भाग लेने के लिए मैं उनका आभारी हूं। वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान उन्होंने कुछ मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को उठाया गया, उनमें उन शब्दों का भी उल्लेख किया गया है जिन्हें ‘असंसदीय’ घोषित किया गया है और यह स्पष्ट किया गया है कि असंसदीय वाक्यांशों का संकलन हर साल लंबे समय से किया जा रहा है।

जोशी ने 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के लिए सूचीबद्ध विधायी कार्यों के बारे में कहा कि हमने 32 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं, ताकि वे (विपक्ष) भी तैयार हों और इसलिए हम पहले से नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि 14 विधेयक तैयार हैं और हम और भी अधिक पर विचार कर सकते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी विधेयकों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा करने में विश्वास करते हैं। हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और हम सभी मामलों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, आगामी संसद सत्र के लिए सरकार द्वारा सूचीबद्ध विधेयकों में बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक शामिल हैं, जो सहकारी समितियों में सरकार की भूमिका को युक्तिसंगत बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों के कामकाज में भागीदारी बढ़ाने का प्रयास करता है ताकि उन पर जनता का विश्वास बढ़े और उनके वृद्धि और विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा सके।

सर्वदलीय बैठक में ये पार्टियां नहीं हुई शामिल

मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई विपक्षी दल नदारद भी रहे। इनमें सपा, बसपा, टीआरएस, नेशनल कांफ्रेंस, एआईएमआईएम और शिवसेना सहित कई विपक्षी पार्टियां नदारद रहीं।

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