Piyush Pandey:विज्ञापन की दुनिया का अद्वितीय चेहरा,‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’के रचयिता नहीं रहे

पीयूष पांडेय ने भारतीय विज्ञापन जगत को नई पहचान दी। उनके रचनात्मक विचारों, यादगार स्लोगनों और सांस्कृतिक समझ ने ब्रांड्स और जनता के बीच गहरा भावनात्मक संबंध बनाया, जो हमेशा याद रहेगा।

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The Icon of Indian Advertising:भारत की विज्ञापन दुनिया में पीयूष पांडेय का नाम हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने अपने करियर में कई ऐसे विज्ञापन बनाए, जो लोगों के दिलों को छू गए और ब्रांडों को नई पहचान दी। उनके लिखे स्लोगन जैसे एशियन पेंट्स का “हर खुशी में रंग लाए” और कैडबरी का “कुछ खास है” आज भी लोगों की यादों में ताजा हैं।

यादगार कैंपेन और सांस्कृतिक योगदान

पीयूष पांडेय ने ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ जैसे गीत की रचना भी की, जो लंबे समय तक भारत की विविधता में एकता को दर्शाता रहा। यह गीत दूरदर्शन का थीम सॉन्ग बन गया और इंटरनेट के आने के बाद यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर भी लोग इसे सुनते रहे। उन्होंने फेविकोल, हच जैसी कई कंपनियों के लिए भी सफल कैंपेन बनाए।

राजनीति और प्रभाव

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रचार का नारा “अबकी बार, मोदी सरकार” भी उनके द्वारा ही दिया गया था। विज्ञापन की दुनिया में उनके योगदान को कोई आसानी से भुला नहीं सकता। उनके 70 साल के जीवन में उन्होंने ओगिल्वी इंडिया के साथ करीब चार दशकों तक काम किया और कंपनी को देश में विज्ञापन की दुनिया का प्रतीक बना दिया।

अद्वितीय व्यक्तित्व और शैली

पीयूष पांडेय का व्यक्तित्व भी उतना ही खास था जितना उनके काम। उनकी शानदार मूंछें और हंसमुख चेहरा हमेशा याद किए जाएंगे। उन्हें भारतीय समाज, भाषा और परंपराओं की गहरी समझ थी। यही कारण था कि उनके बनाए विज्ञापन लोगों के दिलों में जगह बना लेते थे। जब किसी प्रोडक्ट की लोकप्रियता बढ़ती, तो उनके विज्ञापन भी खूब चर्चित होते।

करियर और योगदान

उनका करियर कुछ अलग ही था। 1982 में उन्होंने ओगिल्वी इंडिया जॉइन किया। इससे पहले वह क्रिकेटर रह चुके थे। उन्होंने चाय बागान और निर्माण क्षेत्र में भी काम किया। सिर्फ 27 साल की उम्र में उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा और अंग्रेजी भाषा के प्रभुत्व वाली इंडस्ट्री का चेहरा बदल दिया। एशियन पेंट्स, कैडबरी और कई अन्य कंपनियों के कैंपेन नई ऊंचाइयों तक पहुंचे।

पीयूष पांडेय ने भारतीय विज्ञापन जगत में जो बदलाव किए, वह हमेशा याद रखे जाएंगे। उनके अद्वितीय विचार और रचनात्मकता ने ब्रांडों और आम जनता के बीच एक मजबूत कनेक्शन बनाया। उनका योगदान सिर्फ विज्ञापन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और भावनाओं को भी अपनी कला में पिरोया।

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