भारत के PM नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भूटान में चल रहे Global Peace Prayer Festival के तहत ‘कालचक्र एम्पॉवरमेंट’ समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर Jigme Khesar Namgyel Wangchuck (भूटान के राजा) तथा Jigme Singye Wangchuck (भूटान के पूर्व राजा) भी उपस्थित थे।
Thimpu: यह समारोह भूटान में चल रहे ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल का प्रमुख हिस्सा है, जिसमें दुनिया भर से हजारों बौद्ध भिक्षु, विद्वान और श्रद्धालु शामिल हुए। PM मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- “भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और महामहिम चौथे द्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के साथ ‘कालचक्र ‘व्हील ऑफ टाइम’ एम्पॉवरमेंट’ का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला। “भूटान की पवित्र भूमि पर इस ऐतिहासिक ‘कालचक्र’ अनुष्ठान में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह आयोजन न केवल बौद्ध परंपरा की अमर शिक्षाओं का प्रतीक है, बल्कि पूरी मानवता के लिए शांति, करुणा और एकता का संदेश देता है।” यह जे खेनपो की अध्यक्षता में आयोजित हुआ, जिसने इसे और विशेष बना दिया। PM नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भूटान में चल रहे वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव में राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और पूर्व राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के साथ ‘कालचक्र सशक्तिकरण’ समारोह का उद्घाटन किया।
कालचक्र एम्पॉवरमेंट क्या है?
‘कालचक्र एम्पॉवरमेंट’ बौद्ध धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुष्ठान है, जिसे “व्हील ऑफ टाइम” (समय का चक्र) कहा जाता है। माना जाता है कि यह आयोजन व्यक्ति और समाज में आंतरिक शांति और सामूहिक सद्भाव को बढ़ावा देता है। दलाई लामा स्वयं इस अनुष्ठान को समय-समय पर संचालित करते रहे हैं, और इस बार यह भूटान में पहली बार इतने बड़े स्तर पर आयोजित हुआ।



