Police Investigation on Chaitanyanand Saraswati:दिल्ली के एक निजी संस्थान से जुड़े चैतन्यानंद सरस्वती पर कई छात्राओं से यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप है। पुलिस जांच में सामने आया है कि पूछताछ के दौरान वह न तो सहयोग कर रहा है और न ही अपने कृत्य पर पछतावा जता रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह लगातार झूठ बोलकर जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
मोबाइल से मिले आपत्तिजनक चैट और तस्वीरें
पुलिस ने चैतन्यानंद के मोबाइल फोन से कई आपत्तिजनक सबूत बरामद किए हैं। इसमें विभिन्न लड़कियों के साथ की गई गंदी चैट, उनकी डीपी (DP) के स्क्रीनशॉट और एयरहोस्टेस के साथ खिंचवाई गई कई तस्वीरें शामिल हैं। सबूतों से साफ हुआ है कि वह लड़कियों को झूठे वादों और लालच देकर बरगलाने की कोशिश करता था।
महिला सहयोगियों से कराया गया आमना-सामना
पूछताछ के दौरान पुलिस ने उसकी दो महिला सहयोगियों को हिरासत में लेकर आमना-सामना कराया। जांच में खुलासा हुआ कि ये दोनों महिलाएं पीड़ित छात्राओं को धमकाती थीं और उन्हें अश्लील चैट डिलीट करने के लिए मजबूर करती थीं। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी पर लगातार नए-नए फर्जीवाड़े और आपराधिक गतिविधियों के खुलासे हो रहे हैं।
पुलिस सवालों से बच रहा बाबा
सूत्रों के अनुसार, जब तक पुलिस उसके सामने ठोस सबूत नहीं रखती, तब तक चैतन्यानंद सवालों का जवाब गोलमोल तरीके से देता रहता है। जैसे ही सख्ती होती है और सबूत दिखाए जाते हैं, वह मजबूरी में कुछ बातें स्वीकार करता है। पुलिस का मानना है कि वह जांच को लंबा खींचने की कोशिश कर रहा है।
गिरफ्तारी आगरा से हुई
कई दिनों तक फरार रहने के बाद आखिरकार रविवार को पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया। सोमवार को पुलिस टीम उसे संस्थान परिसर में लेकर गई, ताकि घटनास्थल से जुड़े तथ्यों की जांच की जा सके। अधिकारियों के अनुसार, 62 वर्षीय आरोपी ने संस्थान का अध्यक्ष रहते हुए छात्राओं का शोषण किया और लंबे समय तक अपने अपराधों को छिपाने की कोशिश की।