Sam Pitroda Scam: भारतीय प्रवासी कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। बीजेपी नेता एन. आर. रमेश ने उन पर बेंगलुरु में 150 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। यह जमीन 12.35 एकड़ में फैली हुई है, जिसे वन विभाग के अधिकारियों और पांच वरिष्ठ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से कब्जाने का दावा किया गया है। मामले में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के पूर्व पार्षद रमेश ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कर्नाटक लोकायुक्त को शिकायत दी है। इन आरोपों पर Sam Pitroda ने जोरदार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में उनके पास न कोई घर है, न जमीन और न ही किसी तरह के शेयर। उन्होंने इसे पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि उन्हें बेवजह विवाद में घसीटा जा रहा है।
बीजेपी नेता का आरोप
बीजेपी नेता एन. आर. रमेश का कहना है कि पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलहंका इलाके में वन विभाग और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 12.35 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त और ईडी में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि इस जमीन की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये आंकी गई है, और इस कब्जे को लेकर पूरी जांच की जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर दी सफाई
इन आरोपों का खंडन करते हुए सैम पित्रोदा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “हाल ही में भारतीय मीडिया में मेरे खिलाफ जो खबरें चल रही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे पास भारत में कोई संपत्ति नहीं है। न ही मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर हैं।”
Sam Pitroda ने आगे कहा कि वे दशकों से अमेरिका में रह रहे हैं और भारत में उनके पास किसी भी तरह की कोई वित्तीय या संपत्ति संबंधी होल्डिंग नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि वह भारत में केवल सरकारी नीतियों और टेक्नोलॉजी पर सलाह देने के लिए काम करते रहे हैं और इस काम के लिए उन्होंने कभी कोई वेतन नहीं लिया।
भ्रष्टाचार पर दिया बड़ा बयान
Sam Pitroda ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि उन्होंने कभी भी किसी से रिश्वत नहीं ली और न ही किसी को रिश्वत दी है। उन्होंने कहा, “मैं यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि अपने पूरे 83 साल के जीवन में मैंने न कभी रिश्वत दी है और न ही स्वीकार की है। यह पूर्ण सत्य है।”
अब देखना होगा कि इस मामले में कर्नाटक सरकार और जांच एजेंसियां क्या कदम उठाती हैं और आरोपों की सत्यता को लेकर क्या निष्कर्ष निकलता है।