नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। Journey of 75 Years of the Constitution of India: संसद की शीतकालीन सत्र चल रहा है। शुक्रवार को संदन में संविधान पर चर्चा हो रही है। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जवाब दिया है। उन्होंने सरकार पर तीखे हमले किए। उपचुनाव में बेईमानी, अधिकारी, पिस्टल, मुसलमान, ईवीएम, जाति की मतगणना, एनकाउंटर से लेकर बुलडोजर और मंदिर-मस्जिद को लेकर जमकर सरकार पर बरसे। जब अखिलेश यादव सदन के भीतर सरकार पर तंज का रहे थे कसते रहे। इस समय सपा प्रमुख की बात को सुनकर उनके बगल में बैठे नेता भी हंसने लगे, जिसमें अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव भी शामिल थीं।
धीरे से बोले, ’बिना प्रधान की’
अखिलेश यादव ने संविधान चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने जातीय जनगणना पर जोर किया और सरकार की कई नीतियों का भी खुलकर विरोध किया। अखिलेश यादव ने सदन में कहा, ’ये कैसी चर्चा संविधान की, जो है बिना प्रधान की’। ये सुनकर अखिलेश के पास बैठे समाजवादी पार्टी के सांसद हंसने लगे। अखिलेश के पीछे उनकी पत्नी डिंपल यादव भी बैठी हुई हैं, जो इस बात पर मुस्कराते हुए दिखाई दीं। बाद में अयोध्या के सांसद, जो अखिलेश यादव के ठीक बदले में बैठे थे, उन्होंने अपने नेता की बात को दोहराया। अवधेश प्रसाद धीरे से बोले, ’बिना प्रधान की’।
संविधान हमारी ढाल
अखिलेश यादव का ये कटाक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर था। संविधान पर संसद में चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी वहां मौजूद नहीं थे। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी का प्रयागराज दौरा तय था, जहां उन्होंने कई हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है। इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, कि ये संविधान हमारी ढाल है। हमारी सुरक्षा है। ये हमें समय-समय पर शक्ति प्रदान करता है। संविधान शोषित, उपेक्षित, पीड़ित और वंचितों के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है। ये संविधान बहुत बड़ा सहारा है। हमारे जैसे लोगों और देश के कमजोर लोगों के लिए, खासकर च्क्। के लिए संविधान बचाना जीवन-मरण का सवाल है।
करो या मारो की जरूरत
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार में जो खिलवाड़ संविधान के साथ हुआ वो कभी नहीं हुआ। अखिलेश यादव ने कहा कि आज संविधान को बचाने के लिए करो या मारो की जरूरत है। जो संविधान बदलना चाहते थे और 400 पार का नारा लगाते थे, जनता ने उन्हें सबक सीखा दिया है। न मेरा है और न तेरा है, हिंदुस्तान सबका है। नहीं समझे तो नुकसान सबका है। अखिलेश यादव ने कहा कुछ विपक्ष के लोग उस तरह बैठ गए हैं। जिस दिन वह इधर आ गए तो सरकार गिरनी तय हैं। हमारी सरकार बनी तो जातियों की जनगणना होगी। सबको न्याय मिलेगा। भेदभाव मिटेगा, गरीबी हटेगी।
मुसलमानों पर हमले हो रहे
सदन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने दावा किया, देश के अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश हो रही है, उन पर हमला किया जा रहा है, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं और विधानसभा उपचुनाव के समय लोगों को मतदान से रोका गया। पुलिस का अधिकारी महिलाओं पर पिस्टल तानता है। हम उन महिलाओं की प्रशंसा करते हैं, जाक पिस्टल से नहीं डरीं और मतदान में भाग लिया।
‘हर मस्जिद के नीचे मंदिर’
अखिलेश यादव ने कहा, आज 82 करोड़ लोग सरकारी अन्न पर जिंदा है। अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर जा रही है तो 60 प्रतिशत लोगों की प्रति व्यक्ति आय क्या है?। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि आज “हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की कोशिश करके माहौल खराब किया जा रहा है। सपा प्रमुख ने कहा, मैं उच्चतम न्यायालय का आभार व्यक्त करता हूं कि उसने इस पर अंकुश लगाया। फिलहाल अब ये मामला कुछ दिन के लिए रूक गया है। अखिलेश यादव ने कहा यूपी में मुसलमान भय में हैं। फर्जी एनकाउंटर किए जा रहे हैं। लोगों के घरों पर बुलडोजर चल रहे हैं। सरकार सबको डराकर रखना चाह रही है।
पीडीए के लिए संविधान जीवन और मरण
अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान ने ही विविधताओं से भरे इस देश को एक सूत्र में बांधकर रखा है। अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान 90 प्रतिशत पीड़ित और शोषित जनता का सबसे बड़ा संरक्षक है। उन्होंने आगे कहा कि ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) के लिए संविधान जीवन और मरण का मामला है। उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद देश में विषमता जिस तेजी के साथ बढ़ी है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। अखिलेश ने पुलिस कस्टडी में डेथ का मुद्दा भी उठाया। इशारों-इशारों में अतीक अहमद का भी जिक्र किया। संभल पर भी अखिलेश यादव बोले।