नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। संभल हिंसा के दौरा उपद्रवियों की गोली से घायल होने के बाद सीओ अनुज चौधरी का एक बयान काफी सुर्खियों में रहा था। तब उन्होंने कहा कि, जाहिलों के पत्थर व गोली से मरने के लिए पुलिस में नहीं आए। हमारा भी परिवार है। सीओ के बाद अब किसान आंदोलन के वक्त हरियाणा के शाहाबाद सीओ राजकुमार का भी कुछ इसी तरह का दर्द छलका। उन्होंने कहा, हम भी किसान के बेटे हैं। अब पुलिस में सेवा दे रहे हैं लेकिन हम शहीद होने के लिए नहीं आए हैं। डीएसपी ने कहा कि मेरे साथी मेरा परिवार हैं। कोई उन पर पत्थर फेंकेगा तो उनकी सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है।
क्या है पूरा मामला
पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर से किसान रविवार को दिल्ली कूच पर अड़े थे। बार्डर की सुरक्षा में हरियाणा पुलिस तैनात थी। दोपहर 12 बजे दिल्ली कूच के लिए निकले किसान जब बैरिकेडिंग के पास पहुंचे तो हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस ने बैरिकेडिंग तक पहुंचे किसानों को चाय और बिस्कुट दिया। उनके सामने हाथ जोड़े। आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद जब किसान दोबारा बैरिकेडिंग के नजदीक पहुंचे तो पुलिस ने उन पर फूल बरसाए। हालांकि किसानों ने आरोप लगाया कि फूलों में केमिकल मिला था, इससे कई किसानों की तबीयत खराब हो गई।
अग्रिम पंक्ति में शाहाबाद के डीएसपी तैनात
बार्डर पर पुलिस की अग्रिम पंक्ति में शाहाबाद के डीएसपी रामकुमार थे। उन्होंने किसानों से लगातार बात की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। उग्र किसानों को रोकने के दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, हमने अपनी तरफ से किसानों से बातचीत की। किसानों को नाश्ता करवाया। फूल भी दिए, पर उनकी तरफ से पुलिस पर पथराव किया गया। उन्होंने कहा कि हमने शहीद होने के लिए फोर्स नहीं ज्वाइन की। हम भी किसान के बेटे हैं और पुलिस फोर्स हमारा दूसरा परिवार।
किसानों से पुलिस की तीखी बहस
दरअसल, पंजाब के 101 किसान दोपहर 12 बजे पैदल शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। यहां पुलिस और किसानों के बीच तीखी बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने की परमिशन मांगी है। उनका कहना है कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसान उत्तेजित हो गए और बैरिकेडिंग तोड़ दी। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस का सख्त पहरा देख किसान पीछे हट गए। इस दौरान किसानों की तरफ से पथराव भी पुलिस पर किया गया।
13 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान
बता दें, किसान केंद्र सरकार से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब पुलिस ने दिल्ली कूच के दौरान मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। इससे पहले छह दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें आठ किसान घायल हो गए। इसके बाद पंधेर ने किसानों को वापस बुला लिया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
किसानों को रोकने के लिए पुल के ऊपर और नीचे करीब 1000 जवान तैनात किए हैं। तीन वज्र वाहन खड़े किए। आंसू गैस के गोलों के डिब्बे रखे हैं। दूसरी ओर किसानों ने घायलों को ले जाने के लिए 10 एंबुलेंस के अलावा 7 गाड़ियां तैनात की हैं। आंसू गैस के गोलों से निपटने के लिए 500 मीटर के दायरे में पानी के टैंकरों और बोरियों का इंतजाम किया है। शम्भू बार्डर पर पुलिस के आलाधिकारियों का भी ढेरा है। पहलह पंक्ति में डीएसपी के रैंक के अफसरों को लगाया गया है।