Milkipur by election : क्यूं गए अवधेश प्रसाद इस भाजपा नेता का हाल पूछने, कहीं कुछ पक रहा है क्या

मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव के बीच, सपा के सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा के प्रमुख दावेदार राधेश्याम त्यागी से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, जिससे यह साबित हुआ कि राजनीति में इंसानियत की भी अहमियत है।

Milkipur by-election political developments

 Milkipur by-election political developments : मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल अब और तेज हो गई है, जहां एक अहम घटनाक्रम ने राजनीति की दिशा को बदलने का संकेत दिया है। फैजाबाद के लोकसभा सांसद अवधेश प्रसाद, जो सपा से हैं, भाजपा के प्रमुख दावेदार राधेश्याम त्यागी से मिलने उनके घर पहुंचे। यह मुलाकात एक मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाती है, क्योंकि राधेश्याम त्यागी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

राधेश्याम त्यागी मिल्कीपुर से भाजपा के टिकट के सबसे प्रमुख दावेदार थे, और उनका इस क्षेत्र में काफी प्रभाव हैं। चुनाव प्रचार के दौरान सपा और भाजपा के बीच कई सियासी मतभेद रहे थे, लेकिन इस स्थिति में सपा सांसद ने भाजपा के दावेदार से मिलने और उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने का कदम उठाया। यह कदम राजनीति में मानवीय मूल्यों की अहमियत को दिखाता है, क्योंकि उन्होंने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद इंसानियत और संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी। अवधेश प्रसाद ने इस मुलाकात में राधेश्याम त्यागी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके जल्दी ठीक होने की कामना की।

राधेश्याम त्यागी को मनाने की कोशिश

त्यागी को मिल्कीपुर में भाजपा के लिए टिकट का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था, क्योंकि इस क्षेत्र में कोरी समाज के करीब 18,000 वोट हैं। भाजपा को मिल्कीपुर में जीत के लिए राधेश्याम की अब अहमियत समझ में आई, और उन्हें आश्वासन दिया गया कि उचित समय पर उनका समायोजन किया जाएगा। इसके बाद भाजपा ने उनसे यह भी अनुरोध किया कि वह चंद्रभानु पासवान की मदद करें और उनके चुनाव प्रचार में जुट जाएं।

मिल्कीपुर का चुनावी इतिहास

मिल्कीपुर विधानसभा सीट का इतिहास काफी दिलचस्प है। यह सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी और अब तक कांग्रेस, जनसंघ, सीपीआई, भाजपा, बसपा और सपा ने यहां जीत दर्ज की है। सपा ने यहां सबसे ज्यादा 4 बार जीत हासिल की है, जबकि लेफ्ट ने भी चार बार चुनाव जीते हैं। 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट एससी के लिए रिजर्व कर दी गई थी।
सपा के अवधेश प्रसाद ने 2012 में यहां जीत हासिल की थी, लेकिन 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 2022 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की। लोकसभा 2024 के चुनाव परिणामों ने भाजपा को चिंतित कर दिया था, क्योंकि सपा को मिल्कीपुर में 8,000 वोटों की बढ़त मिली थी। इसके अलावा, मिल्कीपुर के उपचुनावों में सपा की लगातार जीत रही है, और अब भाजपा इस हार का बदला लेने के लिए तैयार है।

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