भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि पार्टी किसी भी नेता के परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देगी। एक ही परिवार से एक से ज्यादा व्यक्ति को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अपने किसी भी सिटिंग सांसद को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाएगी।
हालांकि, पार्टी अपने पूर्व सांसदों को विधानसभा के चुनाव में उतार सकती है। शनिवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपनी पहली सूची में भाजपा ने कई पूर्व सांसदों को उम्मीदवार घोषित किया था और यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के कई सांसद अपने बच्चों के लिए विधानसभा का टिकट चाहते हैं, लेकिन इस संबंध में केस टू केस आधार पर संबंधित व्यक्ति की जीतने की क्षमता और सीट विशेष के चुनावी समीकरण के आधार पर ही फैसला किया जाएगा।
पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया कि मुलायम सिंह यादव परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन में अन्य दलों को शामिल करने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि फिलहाल राज्य में भाजपा का गठबंधन अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ है।
स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के अलावा ओबीसी समुदाय के कई नेताओं के भाजपा छोड़कर सपा में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के दिग्गज नेता ने बताया कि इन नेताओं को इसका आभास हो गया था कि पार्टी इनका टिकट काट सकती है, इसलिए इन्होंने यह फैसला किया। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि इनके जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और पार्टी इस बार भी 300 से ज्यादा सीटें जीतकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगी।