नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। Deadly attack on Sukhbir Singh Badal पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर नारायण सिंह नाम के शख्स ने उन पर पिस्टल से फायरिंग की। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह से सुखबीर बादल को बचाया और खालिस्तानी प्रेमी गुरिल्ला वार के रचयिता को दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। वारदात उस वक्त हुई जब सुखबीर सिंह बादल अमृतसर के गोल्डन टेंपल में धार्मिक सजा काट रहे हैं। वह गोल्डन टेंपल के एंट्री गेट पर पहरेदारी कर रहे थे, उसी समय उन पर जानलेवा हमला हुआ। पकड़ा गया आरोपी नारायण सिंह दल खासला का सदस्य है। उस पर यूएपीए के तहत मामला भी दर्ज था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल अमृतसर के गोल्डन टेंपल में धार्मिक सजा काट रहे हैं। वह दरबार साहिब परिसर में बुधवार की सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच जब सेवा (पहरेदारी) कर रहे थे। सुबह करीब 9ः30 बजे नारायण सिंह सुखबीर बादल के नजदीक पहुंचा और पिस्तौल का मुंह बादल की तरफ कर दिया। पिस्टल निकालते हुए टास्क फोर्स के एक कर्मी ने नारायण सिंह को देख लिया तथा अविलंब उसे उसे रोकने के लिए उसकी तरफ लपका। इतने में गोली चल गई जो मिस फायर हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह से बादल को बचाया और आरोपी को पकड़ लिया। जानलेवा हमले में सुखबीर सिंह बादल को कोई चोट नहीं आई। अकाली दल की तरफ से बताया गया है कि, आरोपी नारायण सिंह चौरा डेरा बाबा नानक में चौरा बाजार कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह का भाई है। नरेंद्र सिंह कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी हैं।
पाकिस्तान जा चुका है नारायण सिंह
हमलावर हमलावर नारायण सिंह चौरा प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा हुआ है। हमलावर 1984 में पाकिस्तान गया था और खालिस्तानी आतंकवाद को पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी तस्करी में मदद कर रहा था। पाकिस्तान में रहते हुए उसने ’गुरिल्ला युद्ध’ और ’देशद्रोही’ पर एक किताब भी लिखी थी। नारायण सिंह चौड़ा बुड़ैल जेल ब्रेक मामले का भी आरोपी है। नारायण सिंह चौड़ा कथित तौर पर अकाल फेडरेशन और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से भी जुड़ा है। पंजाब के दो जिलों में यूएपीए में था वांटेड नारायण सिंह चौरा को 28 फरवरी, 2013 में तरनतारन जिले के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने साल 2018 में उसे जमानत दी थी।
नारायण सिंह पर दर्जनभर से अधिक एफआईआर
नारायण सिंह चौरा के खिलाफ करीब एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। हमलावर पर ये भी आरोप है कि उसने 8 मई, 2010 में अमृतसर के सिविल लाइंस पुलिस थाने में विस्फोट भी किया था। नारायण सिंह के पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भिओरा और जगतार सिंह तारा समेत प्रमुख आतंकवादियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। वो इनसे जेल में जाकर मुलाकात भी कर चुका है। हाल ही में नारायण सिंह को अमृतसर में पंजाब स्टेट की स्पेशल सेल ने भारी मात्रा में हथियारों के साथ पकड़ा था। सूत्र बताते हैं कि नारायण का पाकिस्तान खूफिया एजेंसी आईएसआई से भी गहरे संबंध हैं। नारायण सिंह के भाई का नाम नरेंद्र सिंह हैं, जो कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी हैं।
सजा काट रहे सुखबीर सिंह बादल
सुखबीर सिंह बादल और उनकी कैबिनेट के खिलाफ अकाल तख्त ने दोष साबित किया है। आरोप है कि बादल ने ईशनिंदा के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद की। इसके लिए बादल ने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया। श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई भी नहीं की और संगत के पैसे से राजनीतिक विज्ञापन दिलवाया था। साथ ही डीजीपी सुमेध सैनी की नियुक्ति को धार्मिक रूप से गुनाह करार दिया है। जिस पर सिख समाज की ’सुप्रीम अदालत’ यानी श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई है। वो गुरुद्वारे में सेवादारी करेंगे। बर्तन धोएंगे और पहरेदारी भी करेंगे।