Prashant Kishor will not contest election: प्रशांत किशोर ने किया बड़ा ऐलान,सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने फैसला लिया है कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका कहना है कि वे अपनी पूरी ताकत जन सुराज पार्टी को मजबूत करने और उसे 243 सीटों पर प्रभावी तरीके से लड़ाने में लगाएंगे। पहले चर्चा थी कि वे राघोपुर या करगहर सीट से मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन अब उन्होंने खुद साफ कर दिया कि वे केवल संगठन संभालेंगे।
उम्मीदवारों की पहली सूची हुई जारी
बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, आरसीपी सिंह और यदुवंश गिरि की मौजूदगी में 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई। इस मौके पर प्रशांत किशोर खुद उपस्थित नहीं थे। सूची जारी होने के बाद पार्टी में हलचल मच गई और कई कार्यकर्ताओं ने नाराजगी भी जताई।
जातीय संतुलन पर दिया गया ध्यान
जन सुराज पार्टी ने अपनी पहली सूची में समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। सूची में 7 अनुसूचित जाति, 17 अति पिछड़ा वर्ग, 11 पिछड़ा वर्ग, 8 अल्पसंख्यक और 8 सामान्य वर्ग के उम्मीदवार शामिल किए गए हैं। पार्टी ने स्पष्ट किया कि आगे की सूचियों में भी यही संतुलन रखा जाएगा।
प्रीति किन्नर बनीं उम्मीदवार
पार्टी ने भोरे सीट से समाजसेविका प्रीति किन्नर को टिकट दिया है। प्रीति किन्नर 2008 से समाजसेवा में सक्रिय हैं। कोरोना काल में उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को खाना और राशन पहुंचाया था। वे गरीब लड़कियों की शादी में मदद करती रही हैं। जन सुराज में शामिल होने के बाद अब वे चुनाव मैदान में उतरने जा रही हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और विवाद
भोरे सीट से मौजूदा विधायक सुनील कुमार इस समय राज्य के शिक्षा मंत्री हैं। इस सीट पर कुल 13 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। पिछले चुनाव में इसी जिले की हथुआ सीट से लोजपा ने मुन्ना किन्नर को उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें करीब 9,800 वोट मिले थे। इस बार प्रीति किन्नर की उम्मीदवारी ने फिर से इस वर्ग में उत्साह पैदा किया है।
सूची जारी होते ही मचा हंगामा
लिस्ट जारी होने के कुछ घंटों बाद पार्टी कार्यालय में कई कार्यकर्ता नाराज दिखे। उन्होंने आरसीपी सिंह के खिलाफ नारेबाजी की और टिकट वितरण पर सवाल उठाए। बताया जा रहा है कि लता सिंह, जो आरसीपी सिंह की बेटी हैं, को टिकट दिए जाने से असंतोष बढ़ा है।
कौन हैं आरसीपी सिंह?
आरसीपी सिंह 1984 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और कभी नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सहयोगी माने जाते थे। वे जेडीयू के महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। बाद में उन्होंने मंत्री पद छोड़ा और 2023 में जन सुराज से जुड़ गए। अब प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह एक साथ जन सुराज में काम कर रहे हैं।