Allahabad University student death: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के MA हिंदी द्वितीय वर्ष के छात्र अच्युत त्रिपाठी की रहस्यमयी मौत ने पूरे Allahabad University में आक्रोश की लहर फैला दी है। कोड़हार, मेजा स्थित एक होटल में फंदे से लटकी उसकी लाश मिली, लेकिन मौत की स्थिति और घटनाक्रम इतने उलझे हुए हैं कि यह मामला आत्महत्या से कहीं ज्यादा हत्या का संकेत देता नजर आ रहा है। परिजन, साथी छात्र और सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना को सुनियोजित हत्या बता रहे हैं। अच्युत के भाई और दोस्तों के बयान, होटल में मौजूद संदिग्धों की भूमिका और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्ज चोटों के निशान ने जांच को और पेचीदा बना दिया है।
संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश, बाहर से लगा था ताला
अच्युत त्रिपाठी की लाश होटल के उस कमरे में मिली, जिसका ताला बाहर से बंद था। यह सवाल खड़ा करता है कि अगर छात्र ने आत्महत्या की तो दरवाजा बाहर से किसने बंद किया? और क्यों? घटना की रात अच्युत ने अपने चचेरे भाई प्रत्यूष को मैसेज भेजकर कहा कि उसे यहां अच्छा नहीं लग रहा और वह उसे लेने आ जाए। प्रत्यूष जब होटल पहुंचा, तो देखा कमरे पर ताला पड़ा था। खिड़की से झांककर देखा गया कि अच्युत फंदे से लटका हुआ है, पैर बेड को छू रहे थे, जिससे मौत पर संदेह और गहरा गया।
होटल में थी शराब पार्टी, आरोपियों ने दिए गलत बयान
बताया गया कि होटल के कमरे में अच्युत के साथ उसके दोस्त विपिन उपाध्याय उर्फ मोलू और अजय अरुण पांडेय भी मौजूद थे। चार दिन से होटल में कमरा बुक था और उसी रात शराब पार्टी भी हुई थी। अच्युत ने जिन हालातों में अपने भाई को बुलाया, वह साफ संकेत देते हैं कि वह डरा हुआ था। प्रत्यूष के मुताबिक, जब उसने दरवाजा खोलने की जिद की तो दोनों युवकों ने मना किया। बाद में जब दरवाजा तोड़ा गया तो कमरे के अंदर से भी कुंडी लगी थी, लेकिन इसे हत्या के बाद आत्महत्या का रूप देने की कोशिश माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पोस्ट और पुराने विवादों ने डाला शक
घटना से पहले अच्युत Allahabad University ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था— “हमारी मौत में रो पड़ोगे तालियां बजाते-बजाते।” यह लाइन अब पुलिस जांच का हिस्सा बन चुकी है। परिजन और छात्र इस पोस्ट को भावनात्मक दबाव में लिखवाया गया बताते हैं। पुलिस टेक एक्सपर्ट से जांच करा रही है कि यह पोस्ट अच्युत ने खुद लिखा या दबाव में। वहीं, 6 अप्रैल को अच्युत के रिश्तेदार प्रोफेसर अमरेंद्र त्रिपाठी ने मोलू और अन्य छात्रों के खिलाफ जानलेवा हमले की FIR दर्ज कराई थी, जिसमें अच्युत गवाह था।
छात्रों में उबाल, निष्पक्ष जांच की मांग
घटना के बाद से ही Allahabad University के छात्र आक्रोशित हैं। पोस्टमार्टम हाउस और हॉस्टल के बाहर छात्रों की भीड़ जुटी रही। हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है — अगर यह आत्महत्या थी, तो दरवाजा बाहर से किसने बंद किया? परिजनों ने साफ तौर पर मोलू, अजय और होटल मालिक पर हत्या का आरोप लगाया है। अच्युत के शव को बिना नंबर प्लेट वाली बोलेरो में अस्पताल लाया गया, जो मामले को और संदिग्ध बनाता है। पुलिस ने अब आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है और गहराई से जांच जारी है।