Pintu Mahara history sheeter: प्रयागराज के नैनी थाने का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर पिंटू महरा एक बार फिर चर्चा में है। महाकुंभ मेले के दौरान उसने अपने परिवार के साथ मिलकर 30 करोड़ रुपये कमाए थे, लेकिन उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि बेहद खतरनाक रही है। हत्या, हत्या के प्रयास, बमबाजी, रंगदारी और कई अन्य संगीन अपराधों में उसका नाम दर्ज है। 2009 के जघन्य दोहरे हत्याकांड में भी वह आरोपी था और जेल जा चुका है। उसके पिता और दोनों बड़े भाई भी अपराधी रहे हैं। हाल ही में महाकुंभ मेले के दौरान नाविक से रंगदारी मांगने और मारपीट करने के आरोप में उस पर मुकदमा दर्ज हुआ। नैनी के गंजिया परिवार से उसकी रंजिश पुरानी है, जिसमें कई हत्याएं हो चुकी हैं। अपराध की दुनिया में उसका नाम खौफ का पर्याय बन चुका है।
हिस्ट्रीशीटर परिवार से है संबंध
Pintu Mahara प्रयागराज के अरैल का रहने वाला है और उसके पिता बच्चा महरा भी अपराधी थे। बच्चा महरा जेल में रहते हुए बीमार पड़ा और वहीं उसकी मौत हो गई। Pintu Mahara का बड़ा भाई आनंद महरा भी कुख्यात अपराधी था, जिसकी यमुना नदी के बीच नाव में हत्या कर दी गई थी। दूसरा भाई अरविंद महरा भी नैनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। इस परिवार पर हत्या, लूट, रंगदारी, बमबाजी और गोलीबारी जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं।
2009 का दोहरा हत्याकांड
Pintu Mahara 2009 में हुए जघन्य दोहरे हत्याकांड में भी आरोपी था। नैनी के लोकपुर इलाके में अनिरुद्ध उर्फ बर्रू निषाद और उसके बेटे छगन निषाद की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि हमलावरों ने दो गाड़ियों से रास्ता रोककर उन पर बम और गोलियां बरसाईं। इस मामले में पिंटू, उसके भाई अरविंद और परिवार के अन्य दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
गगन निषाद पर हमला
2017 में पिंटू महरा एक और हत्या के मामले में नामजद हुआ। बर्रू निषाद हत्याकांड का वादी उसका बेटा गगन निषाद था, जिस पर 2017 में बमबाजी और गोलीबारी की गई। इस हमले में तीन लोग घायल हुए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई थी। 2022 में पिंटू के खिलाफ एक और मामला दर्ज हुआ, जिसमें आरोप था कि सोनभद्र जेल में रहते हुए उसने बर्रू निषाद के परिवार को धमकाकर गवाही अपने पक्ष में करवाई थी।
महाकुंभ में रंगदारी का आरोप
महाकुंभ मेले के दौरान पिंटू महरा समेत आठ लोगों पर नाविक से रंगदारी मांगने और मारपीट करने का आरोप लगा। नाविक शनि निषाद ने शिकायत दर्ज करवाई कि आरोपियों ने उसके भाई को घायल कर दिया और धमकी दी कि नाव चलाने के लिए हर नाविक को पांच-पांच हजार रुपये देने होंगे।
महरा-गंजिया रंजिश
नैनी में महरा और गंजिया परिवार की दुश्मनी वर्षों से चली आ रही है। दोनों गुटों के बीच कई बार खूनी संघर्ष हो चुके हैं। आनंद महरा की हत्या के बाद गंजिया परिवार के पप्पू गंजिया पर भी जानलेवा हमला हुआ था। वहीं, बर्रू निषाद की हत्या के बाद गगन निषाद भी महरा परिवार का दुश्मन बन गया। इस पुरानी रंजिश ने नैनी में आतंक का माहौल बना रखा है।