UP Judge Transfer: उत्तर प्रदेश में न्यायपालिका में बड़ा फेरबदल हुआ है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में 582 जजों का तबादला कर दिया गया है। न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। तबादला किए (UP Judge Transfer) गए जजों में 236 अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, 207 सीनियर डिवीजन सिविल जज और 139 जूनियर डिवीजन सिविल जज शामिल हैं। सबसे अधिक 13 जजों का स्थानांतरण कानपुर से हुआ है, जबकि अलीगढ़ से 11 और बरेली से 5 न्यायाधीशों का ट्रांसफर किया गया है। इस सूची में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई करने वाले जज रवि कुमार दिवाकर का भी नाम शामिल है। उन्हें बरेली से चित्रकूट स्थानांतरित किया गया है। इस फैसले को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं।
न्यायपालिका में बड़ा फेरबदल
उत्तर प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में जजों के ट्रांसफर को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह फैसला न्यायिक प्रणाली को अधिक सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और प्रशासनिक स्तर पर सुधार होगा।
ज्ञानवापी मामले से सुर्खियों में आए जज का ट्रांसफर
जज रवि कुमार दिवाकर का नाम वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दौरान (UP Judge Transfer) काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने इस मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया था, जिसके चलते वे सुर्खियों में आए थे। अब उनका ट्रांसफर बरेली से चित्रकूट कर दिया गया है। उनके तबादले को लेकर कानूनी और राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हो रही हैं।
विवादों और चर्चाओं में रहे जज
जज रवि कुमार दिवाकर अपने फैसलों में श्रीरामचरितमानस और गीता का उल्लेख (UP Judge Transfer) करने के लिए भी जाने जाते हैं। 2010 में बरेली दंगे के दौरान उन्होंने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिससे वे सुर्खियों में आए थे। मार्च 2024 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की थी। इसके अलावा, वे भाजपा के पूर्व मंत्री चंद्र किशोर सिंह के दामाद हैं, जो महराजगंज से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल के बाद न्यायिक प्रक्रिया में क्या बदलाव आएंगे, यह देखने वाली बात होगी।