फ्रांस दौरे से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया इंटरव्यू ,देश के कई बड़े मुद्दों पर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस दौरे से पहले  बड़े अखबार ‘लेस इकोस ‘  को  फ्रांस की यात्रा से पहले इंटरव्यू दिया है .इस वार्तलाप में प्रधानमंत्री ने सभी बड़े से बड़े और गंभीर मुद्दों पर बात की और एक नया अंदाज  के साथ बड़ी ही  सहजता से मीडिया प्रभारियों को जवाब दिए है।

देश के बडे मुद्दों पर की बात

प्रधानमंक्षी नरेंद्र मोदी अपने दो दिन के फ्रांस दौरे के लिए भारत से रवाना हो चुके है .लेकिन प्रधानमंत्री ने फ्रांस की यात्रा से पहले फ्रांस के बड़े अखबार को इंटरव्यू दिया है .जिसमें चीन से पैदा होने वाले खतरें भारत की अर्थव्यवस्था और भारत की सोफ्ट पावर होने का के बारे में बात कि है और साथ ही कहा कि भारत 2024 तक एक सबसे ज्यादा सुरक्षित और विकसित देश बनने की ओर बढ़ रहै है .हमारी कोशिश भारत को एक खुशहाल देश बनाने की है .पश्चिमी देशों ग्लोबल साउथ के बीच भारत की भूमिका पर भी जोर दिया है प्रधानमंत्री मोदी 14 जुलाई को पेरिस में बैस्टिल दिवस समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में वहां जाएंगे ।

पीएम ने क्या बड़ी बाते कहीं ?

इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने पश्चिमी देशों और ग्लोबल साउथ के बीच एक ब्रिज के तौर पर भारत की भूमिका  पर जोर दिया है .पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से नकारा गया है , यही वजह है कि इन देशों में इसका दर्द साफ नजर आता है ,जिसके बाद भारत का जिक्र करते हुए किए और कहा कि भारत एक सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है .भारत को अपनी पहली जगह पर आने की बहुत आवश्यकता है .वहीं भारत की अर्थव्यवस्था की बात करते हुए बताया कि भारत  को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने का मकसद है .हमने सभी आर्थिक सुधार करने की पूरी कोशिश अब शुरू कर दी है .भारत आज पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हमारा प्रयास तीसरे नंबर पर लाना है ।

चीन के खतरें पर क्या बोले पीएम ?

जब अखबार ने चीन को लेकर प्रधानमंत्री से पूछा गया कि चीन लगातार अपनी डिफेंस ताकत को बढ़ाने में पूरे पैसे बहा रहा है .तो क्या इससे क्या किसी क्षेत्र को खतरा हो सकता है? जिसका जवाब देते हुए कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र  में हमारा हित व्यापक है और हमारा जुड़ाव भी गहरा है .हम जिस भविष्य का निर्मण करना चाहते है उसके लिए शांति जरूरी है .भारत हमेसा बातचीत और कटूनिति तकीके से मतभेदों के शातिंपृर्ण समाधान और सभी देष की संप्रभूता अंतराष्ट्रीय कानून और नियम –आधारित व्यवसथा का सम्मान के लिए हमेशा खड़ा है ।

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