Agra sexual harassment: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में एक प्रोफेसर पर दो साल तक यौन शोषण का गंभीर आरोप लगने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर के खिलाफ उनकी एक शोधार्थी ने पुलिस में तहरीर दी है, जिसके आधार पर रविवार देर शाम दुष्कर्म, छेड़छाड़ और करियर बर्बाद करने की धमकी देने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस घटना से पूरे विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया है।
शोधार्थी ने अपनी पुलिस शिकायत में विस्तृत आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि प्रोफेसर ने उसे शादी का झांसा दिया और इस दौरान होटलों में उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके अलावा, शोधार्थी को कार्यालय में बुलाकर छेड़छाड़ करने, मोबाइल तोड़ने की कोशिश करने और उसकी बात न मानने पर करियर बर्बाद करने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। यह प्रोफेसर शोधार्थी के इंटर-डिसिप्लिनरी रिसर्च में को-गाइड थे और अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य के लिए सम्मानित भी किए जा चुके हैं।
यह मामला खंदारी परिसर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंस (आईबीएस) के रसायन विज्ञान विभाग का है। पीड़िता बॉटनी में शोध कर रही है। शनिवार को कैंपस में इस मामले को लेकर विवाद होने के बाद शोधार्थी ने Agra पुलिस से संपर्क किया और तहरीर दी। Agra पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रविवार को देर शाम प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
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Agra पुलिस कार्रवाई के बाद सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन भी सक्रिय हो गया। कुलपति प्रो. आशु रानी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया। कुलपति ने स्पष्ट किया कि यद्यपि शोधार्थी ने विश्वविद्यालय को सीधे कोई शिकायत नहीं दी थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की गई है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से मामले की जांच इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) को सौंप दी है।
Agra कुलपति के निर्देश पर आरोपी प्रोफेसर को एक पत्र भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आईसीसी की जांच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा-निर्देशों और कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी। कुलपति प्रो. आशु रानी ने यह भी दोहराया कि विश्वविद्यालय प्रशासन महिला छात्राओं के उत्पीड़न के मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेता है और परिसर में एक सुरक्षित, सम्मानजनक और समान अवसर वाला शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से विश्वविद्यालय में तनाव का माहौल है, और प्रोफेसर के खिलाफ अब पुलिस और विभागीय दोनों स्तरों पर जांच जारी है।










