Bihar election:पंडित दीनदयाल स्टेशन पर भिखारी के भेष में पकड़ा गया युवक, बैग से निकला ऐसा क्या की सब चौक पड़े

चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर आरपीएफ ने संदिग्ध युवक को पकड़कर उसके बैग से 16 लाख रुपये बरामद किए। शक है कि यह रकम हवाला से जुड़ी है और बिहार चुनाव में इस्तेमाल होनी थी।

Man Disguised as Beggar Caught: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर गुरुवार को एक संदिग्ध युवक को देखकर रेलवे पुलिस के अधिकारियों को शक हुआ। युवक लाल कपड़ों में था और प्लेटफॉर्म के फुट ओवर ब्रिज पर कई देर से घूम रहा था। देखने में वह बेहद गरीब लग रहा था, जैसे कोई भिखारी हो।

आरपीएफ के एक अधिकारी की नजर जब उस पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत उससे पूछताछ शुरू की। अफसर ने सवाल किया, “तुम कौन हो और यहां इतने समय से क्यों घूम रहे हो?” इस पर युवक ने जवाब दिया, “साहब, मैं बिहार जा रहा हूं।” अधिकारी ने उससे उसका बैग दिखाने को कहा। जैसे ही बैग की तलाशी ली गई, तो सभी हैरान रह गए बैग से 16 लाख रुपये नगद बरामद हुए।

चेकिंग में हुआ बड़ा खुलासा

बिहार विधानसभा चुनाव के चलते सुरक्षा एजेंसियां सख्त चेकिंग अभियान चला रही हैं। इसी दौरान आरपीएफ की टीम ने इस युवक को प्लेटफॉर्म नंबर पर बने फुट ओवर ब्रिज से पकड़ा। जब उससे रुपये के बारे में पूछा गया तो वह कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका।

आरपीएफ ने युवक को हिरासत में लेकर पूरे मामले की सूचना आयकर विभाग को दे दी। इसके बाद आयकर की टीम मौके पर पहुंची और रुपये के स्रोत की जांच शुरू कर दी। शुरुआती जांच में यह शक जताया जा रहा है कि यह पैसा हवाला नेटवर्क के जरिए भेजा जा रहा था और संभव है कि इसका उपयोग बिहार चुनाव में किया जाना था।

आरपीएफ प्रभारी ने दी जानकारी

आरपीएफ प्रभारी प्रदीप रावत ने बताया कि बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम स्टेशन पर गहन चेकिंग कर रही थी। उसी दौरान यह संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। जब उसकी तलाशी ली गई, तो झोले में रखे 16 लाख रुपये बरामद हुए।

उन्होंने बताया कि युवक के पास किसी भी प्रकार के कागजात नहीं थे, जिससे यह साबित हो सके कि ये रुपये उसके ही हैं। इसलिए पूरा मामला आयकर विभाग को सौंप दिया गया है। अब जांच में यह सामने आएगा कि यह रकम कहां से आई और किसे भेजी जानी थी।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बिहार में चल रहे चुनाव के मद्देनजर यह रकम किसी राजनीतिक उपयोग के लिए ले जाई जा रही थी, इस संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता।

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