लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। देशभर में नवरात्रि पर्व की धूम है। भक्त मातारानी के दर पर जाकर हाजिरी लगा रहे हैं तो वहीं शहर-शहर, गांव-गांव पंडालों में देवी विराजमान है। मातारानी के जयकारों की गूंज से हर इलाका सराबोर है। साथ ही रामलीला मंचन के आयोजन भी चल रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में भी देखने को मिल रहा है। कासिमाबाद के सोनबरसा गांव में, जहां रामलीला में नारद की तपस्या भंग करने पहुंची मोहिनी के डांस को देखकर कासिमाबाद के सीओ और एसडीएम इस कदर भड़क गए कि वह रामलीला कमेटी पदाधिकारी को गाली तक देने लगे। जिस पर लोगों आगबबूला हो गए और पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद कोतवाल को खुद आकर रामलीला कमेटी से माफी मांगनी पड़ी तब जाकर मामला शांत हुआ।
गाजीपुर जिले के कासिमाबाद तहसील के सोनबरसा गांव में हर साल की तरह इस साल भी रामलीला कार्यक्रम स्थानीय कमेटी की तरफ से कराया जा रहा है। मंगलवार की रात रामलीला मंचन में नारद मोहभंग का सीन चल रहा था। इस दौरान कुछ पुरुष कलाकार महिलाओं के कपड़े पहनकर डांस कर रहे थे। जिसकी शिकायत किसी ने पुलिस से कर दी और फिर क्षेत्राधिकारी कासिमाबाद और एसडीएम कासिमाबाद मौके पर पहुंच गए। गुस्साए अधिकारियों ने रामलीला कमेटी के लोगों के लिए अभद्र भाषाओं का प्रयोग करते हुए तत्काल रामलीला को बंद करने का आदेश दिया। इसके बाद रामलीला कमेटी की पुलिस और एसडीएम से ठन गई। ग्रामीण धरने पर बैठ गए और एसडीएम और सीओ के खिलाफ हल्लाबोल दिया। जिसकी जानकारी पर पुलिस और प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगे।
जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे एसचओ कासिमाबाद नंदकुमार तिवारी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने की कोशिश की। बातचीत के दौरान रामलीला कमेटी ने बताया कि एसडीएम और क्षेत्राधिकारी जब तक माफी नहीं मांगते हैं तब तक धरना समाप्त नहीं होगा। इसके बाद कोतवाल नंदकुमार अपने अधिकारियों की तरफ से खुद कमेटी के लोगों से माफी मांगने लगे। करीब 3 से 4 घंटे के बाद लोगों ने धरना को समाप्त किया। इस मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि कासिमाबाद के सोनबरसा गांव में रामलीला का आयोजन किया जा रहा था। इस दौरान सीओ और एसडीएम क्षेत्र का भ्रमण कर रहे थे। तभी उन्हें जानकारी हुई की कुछ लोग रामलीला में महिलाओं के वस्त्र धारण कर डांट कर रहे हैं। जानकारी होते ही मौके पर पहुंची सीओ और एसडीएम ने डांस रुकवा दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि इसके बाद रामलीला कमेटी को कुछ गलतफहमी हो गई, जिसको लेकर उन लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। जिस गलतफहमी को दूर कर लिया गया है और रामलीला का संचालन शुरू हो गया। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि रामलीला मंचन के वक्त कुछ युवक डांस कर रहे थे। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने उन्हें डांस करने से रोक दिया था। इसी दौरान किसी ने डांस का वीडियो बना लिया और अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी। ग्रामीणों ने कहा कि एडीएम-सीओ ने अपशब्द कहे। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों को गाली दी। रामलीला का मंचन भी रूकवा दिया। ग्रामीणों ने बताया कि धरने के वक्त कोतवाल आए और अधिकारियों की तरफ से माफी मांगी।