Ravi Kishan: एक्टिंग में जाकर लोग नचनिया बन जाते है इसलिए पापा एक्टिंग के खिलाफ थे

रवि किशन वो चेहरा है जिसे आज परिचय की कोई जरूरत नहीं। रवि किशन ने अपनी मेहनत के दम पर कामयाबी की नई मिसाल खड़ी कर दी है। सन् 1992 में फिल्म पीताम्बर से रवि किशन ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा और आगे बढ़ते ही चले गए। भोजपुरी सिनेमा में नाम कमाने के अलावा रवि किशन ने बॉलीवुड में भी बेहतरीन काम किया। और वो छा गए। आज हम आपको बताने जा रहे है. रवि किशन जी के जीवन का एक मजेदार किस्सा।अगर आप रवि किशन के फैन है तो आपको उनके जीवन यह किस्सा बड़ा मजेदार ही लगेगा। जिसके बारे में शायद आपको पहले से पता नहीं होगा।

रवि किशन को लेदर की बेल्ट से पीटा

तो सुनिए ,एक दिन एक इंटरव्यू में रवि किशन ने उनकी लाइफ से जुडी एक अनकही स्टोरी शेयर की। उन्होंने बताया की उनके पापा नहीं चाहते थे की वो एक्टर बने और जब रवि किशन जी के पापा को पता चला तो उन्होंने रवि किशन को लेदर की बेल्ट से पीटा यानि रवि किशन ने एक्टर बनने के लिए सिर्फ बाहर नहीं ,बल्कि घर पर भी काफी स्ट्रगल किया। रवि किशन जी 12वीं पास करने के बाद ही एक्टर बनने का सपना देखने लगे। एक्टिंग की दुनिया में एंट्री लेने के लिए उन्होंने तमाम कोशिश करनी शुरू कर दी थी। पर उनके पापा इस बात के फेवर में नहीं थे।

रवि किशन के पापा एक्टिंग के खिलाफ

पता है जब रवि किशन ने अपने पापा को बताया की उन्हें एक्टर बनना है तो उन्हें बहुत मार पड़ी रवि किशन के पापा एक पुजारी थे इसलिए वो एक्टिंग को सम्मानजनक पेशे के तौर पर नहीं देखते थे रवि किशन के पापा को लगता है कि एक्टिंग में जाकर लोग नचनिया बन जाएगे इसलिए वो एक्टिंग के खिलाफ थे. तो देखा आपने रवि किशन के लिए एक्टर बनना बिलकुल भी आसान नहीं था पर उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत के साथ आगे बढ़ते गए और आज वो जानी मानी हस्ती है.

अब अपने बेटे पर गर्व होता है

भोजपुरी से लेकर बॉलीवुड तक उन्होंने अपनी एक्टिंग के पर्चे लहरा दिए और उनके पिता जी तो उन्हें एक्टिंग में जाने से रोक रहे थे उन्हें भी अब अपने बेटे पर गर्व होता है। अगर रवि किशन जी जब हार मान लेते तो वो कभी भी इतने बड़े सुपरस्टार नहीं बनते तो आप रवि किशन से प्रेरणा ले और कभी भी मेहनत से न डरे और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर उसे पाने की पूरी कोशिश करे.

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