Real-Time Cheque Settlement System: बैंकिंग सिस्टम में अब ग्राहकों के लिए एक बड़ा बदलाव आने जा रहा है। पहले जहां चेक क्लियरेंस में कई घंटे या कई बार तो दिन भी लग जाते थे, अब यह प्रक्रिया तेज और सुरक्षित हो जाएगी। नए सिस्टम का मकसद ग्राहकों को तुरंत भुगतान उपलब्ध कराना और धोखाधड़ी की संभावना को कम करना है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पैसे खाते में जल्द जमा होंगे और ग्राहकों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
नया क्लियरेंस प्रोसेस कैसे चलेगा
अभी तक चेक बैच प्रोसेसिंग के आधार पर क्लियर किए जाते थे। इस वजह से क्लियरेंस का समय लंबा होता था और कई बार पेमेंट में देरी हो जाती थी। लेकिन अब बैंक हर चेक को स्कैन करेंगे और उसकी इमेज और एमआईसीआर डेटा क्लियरिंग हाउस को भेजेंगे। क्लियरिंग हाउस यह डेटा सीधे उस बैंक तक पहुंचाएगा जिसे भुगतान करना है। यह प्रक्रिया पूरे दिन रीयल टाइम मोड में चलेगी, जिससे ज्यादातर चेक उसी दिन क्लियर हो जाएंगे।
ड्रॉई बैंक को मिलेगा तय समय
जिस बैंक से भुगतान होना है, उसे सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक हर चेक की पुष्टि करनी होगी। हर चेक का एक निश्चित एक्सपायरी टाइम होगा और बैंक को उसी समय में जवाब देना होगा। इससे चेक होल्ड होने या देरी की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। ग्राहक भी ज्यादा आश्वस्त रहेंगे कि उनका चेक समय पर निपट जाएगा।
दो चरणों में लागू होगा नया सिस्टम
नए सिस्टम को दो हिस्सों में लागू किया जाएगा।
पहला चरण : 4 अक्टूबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक। इस दौरान शाम 7 बजे तक कन्फर्मेशन जरूरी होगा। अगर बैंक जवाब नहीं देता तो चेक अपने आप मंजूर मानकर सेटल कर दिया जाएगा।
दूसरा चरण : 3 जनवरी 2026 से शुरू होगा। इसमें बैंक को केवल 3 घंटे के भीतर चेक को क्लियर करना होगा। जैसे अगर चेक सुबह 10 से 11 बजे के बीच जमा होता है तो दोपहर 2 बजे तक मंजूरी देना अनिवार्य होगा।
तेजी से जमा होगा पैसा
जैसे ही चेक क्लियर हो जाएगा, क्लियरिंग हाउस तुरंत बैंक को सूचना देगा और बैंक एक घंटे के अंदर आपके खाते में राशि जमा कर देगा। इससे भुगतान में अनावश्यक देरी नहीं होगी और ग्राहक समय पर अपना पैसा प्राप्त कर पाएंगे।
पॉजिटिव पे सिस्टम की अहमियत
50 हजार रुपये से ज्यादा रकम वाले चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम की सलाह दी गई है और 5 लाख रुपये से ऊपर के चेक के लिए यह जरूरी है। इसमें ग्राहक को चेक के मुख्य विवरण पहले से बैंक को देने होते हैं। बैंक उन जानकारियों का मिलान करता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना काफी घट जाती है।
ग्राहकों को क्या करना होगा
ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खाते में पर्याप्त बैलेंस हो ताकि चेक बाउंस न हो। साथ ही चेक पर लिखी गई सभी जानकारी जैसे तारीख, रकम और हस्ताक्षर बिल्कुल साफ और सही होने चाहिए। इससे किसी भी देरी या रिजेक्शन की संभावना नहीं रहेगी।