Religious News:हिंदू धर्म में तिलक लगाने का रिवाज प्राचीन समय से चला आ रहा है। ये देखने में सुंदर और आकर्षित लगता है साथ ही धार्मिक महत्व भी है तिलक का अर्थ है मस्तक पर शुभ कार्य से पहले लगाया जाने वाला चिन्ह,पुराणों के अनुसार ऐसा करना सकारात्मक ऊर्जा कोआकर्षित करता है। यह दोनों भौहों के बीच, जिसे ‘आज्ञाचक्र’ कहा जाता है, पर लगाया जाता है। जिससे आत्मविश्वास और ध्यान शक्ति में वृद्धि होती है।
ज्योतिष विद्या में तिलक का महत्व
तिलक लगाना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि ज्योतिष विद्या में भी इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसे न केवल व्यक्ति के इष्ट देवता का सम्मान माना जाता है, बल्कि यह ग्रहों की स्थिति को संतुलित करने में भी सहायक माना गया है। मान्यता है कि यदि सही तरीके से तिलक लगाया जाए, तो व्यक्ति अपने कुंडली में नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को कम कर सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।
*तिलक लगाने के मुख्य फायदे
1:तिलक लगाने को सात्विकता का प्रतीक माना जाता है। यह आत्मा की शुद्धता और अध्यात्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है। देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा बनाये रखने के लिए भी तिलक लगाना चाहिए
2: माथे पर तिलक लगाने से मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो आत्मविश्वास और तरक्की में सहायक होती है।
3: ग्रह प्रभावों में होता है सुधार- तिलक लगाने से व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति में संतुलन बना रहता है जिससे विपरीत परिस्थितियों में भी राहत मिलती है।
4:तिलक लगाने से मन को शांति मिलती है और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है।
परंपराओं के अनुसार तिलक के विभिन्न प्रकार होते हैं। हर तिलक की अपनी अलग महत्त्वता होती है।
1. *वैष्णव तिलक – वैष्णव तिलक विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा लगाया जाता है।
2. शैव तिलक – भगवान शिव के भक्त शैव तिलक लगाते हैं, जिसमें काले या लाल रंग के रोली का प्रयोग किया जाता है। यह तिलक माथे पर तीन
3. ब्रह्म तिलक – ब्रह्म तिलक का विशेष रूप से ब्राह्मण पुजारी लगाते हैं
इन धार्मिक और ज्योतिष्यी मानताओं के अनुसार तिलक लगाना एक शुभ संकेत है।