Amazing Facts of Jagannath Temple Kitchen & Mahaprasad,उड़ीसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर ना सिर्फ धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र है, बल्कि यहां मौजूद रसोई को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर किचन भी माना जाता है। इस मंदिर के कई रहस्य आज भी विज्ञान की समझ से बाहर हैं, जैसे मंदिर के अंदर समुद्र की आवाज़ का ना आना, मूर्ति में धड़कते दिल की मान्यता और यहां बनने वाला खास ‘महाप्रसाद’।
महाप्रसाद,मां लक्ष्मी की देखरेख में बनता है यह विशेष भोग
पुरी के मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को साधारण प्रसाद नहीं, बल्कि ‘महाप्रसाद’ कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह प्रसाद माता लक्ष्मी की निगरानी में तैयार होता है। यह न सिर्फ पवित्र होता है, बल्कि इसमें एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा भी मानी जाती है।
जगन्नाथ मंदिर की रसोई
500 रसोइए और 300 सहयोगी रोज बनाते हैं खाना,इस मंदिर की रसोई को धरती की सबसे बड़ी धार्मिक रसोई कहा जाता है। यहां हर दिन लगभग 500 मुख्य रसोइये और 300 सहायक रसोई कर्मचारी मिलकर हजारों लोगों के लिए खाना तैयार करते हैं। खास बात यह है कि चाहे मंदिर में कितने भी भक्त आएं, यहां कभी भोजन की कमी नहीं होती और न ही कोई खाना बर्बाद होता है। हर दिन यहां 56 तरह के व्यंजन मिट्टी के बर्तनों में बनाए जाते हैं, जिन्हें भगवान को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। यह खाना आखिरी भक्त तक पहुंचता है और कभी खत्म नहीं होता, चाहे भीड़ कितनी भी ज्यादा क्यों न हो।
भोजन पकाने की अनोखी तकनीक ऊपर का खाना पहले पकता है
इस रसोई की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि यहां सात मिट्टी के बर्तनों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर भोजन पकाया जाता है। आमतौर पर सबसे नीचे रखा बर्तन पहले पकता है, लेकिन यहां उल्टा होता है। सबसे ऊपर रखा बर्तन पहले पकता है और फिर एक-एक कर नीचे के बर्तन पकते हैं। यह रहस्य आज तक वैज्ञानिक रूप से नहीं समझा जा सका है।
पहले माता विमला को चढ़ता है भोग
जगन्नाथ मंदिर की परंपरा के अनुसार, जो भोजन तैयार होता है, वह पहले पास ही स्थित माता पार्वती के विमला देवी मंदिर में अर्पित किया जाता है। इसके बाद ही वह भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाता है। तभी वह ‘महाप्रसाद’ कहलाता है और भक्तों को बांटा जाता है।
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