Religious News: व्रत रखना भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। हर त्योहार या विशेष अवसर पर व्रत रखने का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि व्रत रखने से न केवल मन की शुद्धि होती है, बल्कि भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। चलिए, व्रत रखने के पीछे छिपे कारण और इसके फायदों को आसान भाषा में समझते हैं।
व्रत क्यों रखा जाता है
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, व्रत रखने से इंसान के शरीर, मन और आत्मा के कष्ट दूर होते हैं। ज्योतिष के अनुसार, व्रत करने से बुरे ग्रह-नक्षत्रों का असर कम हो जाता है। व्रत रखने का मुख्य उद्देश्य अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाना और आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करना है। लोग अपनी भक्ति और आस्था के अनुसार देवी देवताओं के लिए व्रत रखते हैं। जैसे एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है, तो सोमवार भगवान शिव को। इस दौरान लोग पूजा अर्चना करते हैं और नियमों का पालन करते हुए उपवास रखते हैं। मान्यता है कि व्रत रखने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी समस्याओं का समाधान करते हैं।
व्रत का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व
व्रत का एक उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति है। व्रत करना आसान नहीं होता, लेकिन धीरे धीरे इसे निभाने से आत्मसंयम बढ़ता है। इसके अलावा, व्रत का वैज्ञानिक पहलू भी है।
गुरु प्रेमानंद के विचार
गुरु प्रेमानंद, जो वृंदावन के प्रसिद्ध संत हैं, ने व्रत के फायदों पर अपनी राय दी। उनका कहना है कि व्रत रखने से इंसान की इच्छाएं पूरी होती हैं। उन्होंने एक वीडियो में बताया कि व्रत का असर इतना शक्तिशाली होता है कि इससे भगवान वामन भी प्रकट हुए थे।
गुरु प्रेमानंद के अनुसार, व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब इसे नियम और श्रद्धा से किया जाए। व्रत के दौरान भगवान का नाम जपने और कीर्तन करने से छोटी गलतियां माफ हो जाती हैं। उनका मानना है कि एकादशी का व्रत सबसे खास होता है, क्योंकि यह मनोकामनाओं को पूरा करता है।