Chaitra Navratri : हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व सबसे ज्यादा महत्व रखता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और हर दिन का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि साल में चार बार होती है – शारदीय, चैत्र और दो गुप्त नवरात्रि। शारदीय और चैत्र नवरात्रि का सबसे अधिक महत्व है, जबकि गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र और साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसमें 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि होली के बाद आती है और इसमें भी शारदीय नवरात्रि की तरह विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
कब से शुरू है Chaitra Navratri
इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से होगी। प्रतिपदा तिथि 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी, और नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगी। 6 अप्रैल को नवमी के दिन भगवान राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिन प्रभु राम का जन्म हुआ था, जैसा कि धार्मिक मान्यता है।
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत में घटस्थापना या कलश स्थापना होती है। इस वर्ष, घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:34 से 7:23 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त 30 मार्च को दोपहर 12:18 से 1:08 बजे तक होगा। पहले दिन की पूजा में मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है, जिससे व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
चैत्र नवरात्रि 2025 का पूजा कैलेंडर इस प्रकार है:
- 30 मार्च: नवरात्रि का पहला दिन – शैलपुत्री माता
- 31 मार्च: नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन – ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा
- 1 अप्रैल: नवरात्रि का चौथा दिन – कूष्मांडा देवी
- 2 अप्रैल: नवरात्रि का पांचवां दिन – स्कंदमाता
- 3 अप्रैल: नवरात्रि का छठा दिन – कात्यायनी माता
- 4 अप्रैल: नवरात्रि का सातवां दिन – कालरात्रि
- 5 अप्रैल: नवरात्रि का आठवां दिन – महागौरी
- 6 अप्रैल: नवरात्रि का नौवां दिन – सिद्धिदात्री देवी