Ganesh Visarjan हिंदू धर्म में गणेशोत्सव का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो भगवान गणेश की प्रतिमा को जल में विसर्जित करने के बाद ही सम्पन्न होता है। यह विसर्जन प्रतीकात्मक रूप से भगवान गणेश के आशीर्वाद को उनके निवास स्थान, कैलाश पर्वत पर लौटाने का संकेत होता है। विसर्जन का सही तरीका और प्रक्रिया इस पूजा को पूर्णता प्रदान करती है। आइए जानते हैं गणेश विसर्जन के सही तरीके के बारे में..
Ganesh Visarjan के दिन का चयन
गणेशोत्सव के दौरान विसर्जन के लिए कई दिनों का महत्व होता है। सबसे आमतौर पर लोग गणेश चतुर्थी के बाद 1.5 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 9 दिन या 11 दिन के बाद विसर्जन करते हैं। 11वें दिन, जिसे अनंत चतुर्दशी कहते हैं, पर अधिकतर लोग विसर्जन करते हैं। हालांकि, यह समय भक्तों की श्रद्धा और सुविधा पर निर्भर करता है।
Ganesh Visarjan से पहले पूजा
Ganesh Visarjan से पहले भगवान गणेश की अंतिम पूजा करना आवश्यक होता है। इसे उपचार पूजा कहा जाता है। इस पूजा में भगवान गणेश को पंचामृत, पुष्प, फल, और मोदक अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद भगवान गणेश से घर में आने और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करने के लिए धन्यवाद किया जाता है। साथ ही उनसे अगले वर्ष पुनः घर आने की विनती की जाती है, जिसे आगले बरस तू जल्दी आ के नाम से जाना जाता है।
मंत्रोच्चारण और विसर्जन
पूजा के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन के लिए घर से बाहर ले जाया जाता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ हर्षोल्लास से विसर्जन स्थल की ओर प्रस्थान करते हैं। विसर्जन के दौरान यह मंत्र बोला जाता है:
_”गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!”_ यह मंत्र उत्साह और श्रद्धा का प्रतीक होता है
विसर्जन का स्थान
गणेश प्रतिमा को विसर्जन के लिए किसी नदी, तालाब, समुद्र या किसी अन्य जलाशय में ले जाया जाता है। आजकल पर्यावरण संरक्षण के लिए “कृत्रिम तालाब” बनाए जाते हैं, जहां प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है। इससे जल प्रदूषण से बचाव होता है।
विसर्जन का प्रक्रिया
विसर्जन के समय भगवान गणेश की प्रतिमा को धीरे-धीरे पानी में डुबोया जाता है। भक्त इस दौरान भगवान गणेश से आशीर्वाद की कामना करते हैं और उनका वंदन करते हैं। प्रतिमा को पूरी तरह जल में विसर्जित कर देने के बाद श्रद्धालु हाथ जोड़कर भगवान गणेश को विदाई देते हैं।
पर्यावरण का ध्यान
आजकल लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो गए हैं। इसलिए, मिट्टी की बनी छोटी गणेश प्रतिमा का विसर्जन घर में ही बाल्टी या टब में किया जा सकता है। बाद में उस पानी को पौधों में डालकर प्रकृति को लाभ पहुंचाया जा सकता है। गणेश विसर्जन का सही तरीका श्रद्धा, आस्था और पर्यावरण संरक्षण के साथ सम्पन्न किया जाना चाहिए।
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