Holi 2026 Date: 2026 में होली कब है? पूरा विवरण यहाँ देखें

साल 2026 में होलिका दहन 3 मार्च को और रंगों वाली होली 4 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन, बुराई पर अच्छाई की जीत और सामाजिक एकता का प्रतीक है।

Holi 2026 date and timing

Holi 2026 date and timing | Credit: Freepik

भारत में मनाया जाने वाला होली का त्योहार रंगों, उमंग और आपसी सौहार्द का प्रतीक है। हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को यह पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह सिर्फ रंग खेलने का दिन नहीं, बल्कि सद्भाव, प्रेम और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने वाला त्योहार है।

होली दो दिनों में मनाई जाती है—पहला दिन होलीका दहन और दूसरा दिन रंगोत्सव का होता है। साल 2026 में होली कब पड़ेगी, इस बारे में लोग पहले से ही जानकारी तलाशने लगते हैं ताकि वे अपनी तैयारियाँ समय से कर सकें। नीचे आप 2026 की होली की सही तारीख, मुहूर्त, महत्व और परंपराओं का विस्तृत विवरण पढ़ सकते हैं।

Holi 2026 Date in India: 2026 में होली कब है?

ड्रिक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2026 में होली निम्न तिथियों पर मनाई जाएगी:

Holika Dahan 2026

Rangwali Holi / Dhulandi 2026

इन तिथियों के अनुसार, होली का प्रमुख रंगोत्सव 4 मार्च 2026 को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा।

होली का महत्त्व: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक

होली भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें रंगों के साथ-साथ पौराणिक मान्यताओं का भी गहरा संबंध है।

पौराणिक कथा: प्रह्लाद और होलिका

होलीका दहन की परंपरा प्रह्लाद और होलिका की कहानी पर आधारित है।

  1. असुर राजा हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति भक्ति से क्रोधित था।

  2. उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठने का आदेश दिया। होलिका को वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे नहीं जला सकती।

  3. किंतु धर्म और सत्य की रक्षा के रूप में प्रह्लाद बच गया और होलिका जलकर भस्म हो गई।

यह घटना संदेश देती है कि

होली और कृष्ण-राधा का प्रेम

व्रज क्षेत्र में होली का विशेष महत्व है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंगों की होली खेलकर इस त्योहार को आनंदमय बनाया। इसलिए मथुरा, वृंदावन, बरसाना और नंदगाँव की होली देश-विदेश के पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है।

होली क्यों मनाई जाती है?

1. ऋतु परिवर्तन का संकेत

होली वसंत ऋतु के आगमन और शीत ऋतु के अंत का प्रतीक है। किसान इस समय नई फसलों की तैयारी के साथ खुशियां मनाते हैं।

2. सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का माध्यम

रंगों के साथ लोग सारे मतभेद भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और रिश्तों में नई शुरुआत का संदेश देते हैं।

3. सांस्कृतिक एकता का पर्व

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में होली अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है, फिर भी इसका भाव एक—खुशी, प्रेम और एकता का है।

होली कैसे मनाई जाती है? (Celebration Traditions)

होली पूर्व रात्रि: होलिका दहन

अगले दिन: रंगों की धूम

होली के पारंपरिक व्यंजन

होली में स्वादिष्ट पकवानों का अपना ही महत्व है। रंगों के साथ-साथ घरों में अलग-अलग मिठाइयाँ और स्नैक्स तैयार किए जाते हैं।

प्रमुख व्यंजन

  1. गुझिया – खोया, मावा और सूखे मेवों से बनी पारंपरिक मिठाई

  2. ठंडाई – बादाम, सौंफ, इलायची और कभी-कभी भांग के मिश्रण से बनी पेय

  3. दही भल्ले

  4. पापड़ी चाट

  5. मठरी और नमकीन

इन व्यंजनों के बिना होली अधूरी मानी जाती है।

Holi 2026: भारत के विभिन्न राज्यों में उत्सव

उत्तर भारत

उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में होली बड़े पैमाने पर मनाई जाती है।

पश्चिम भारत

गुजरात में डांडीया होली और महाराष्ट्र में रंग पंचमी विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

पूर्व भारत

पश्चिम बंगाल में बसंत उत्सव और डोल जात्रा मनाई जाती है।

दक्षिण भारत

कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में भले ही होली उतनी व्यापक न हो, पर शहरों में युवाओं के बीच इसका उत्साह बढ़ रहा है।

साल 2026 में होली 3 और 4 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि प्रेम, सद्भावना और धार्मिक परंपराओं का सुंदर संगम भी है। होली का यह रंगीन पर्व हर आयु के लोगों को एकजुट करता है और जीवन में खुशियों के नए रंग भरता है।

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