ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार ही जातक का भविष्यफल बताया जाता है। ये ग्रह-नक्षत्र आपके जीवन पर अच्छा बुरा असर डालते हैं। अगर ग्रहों के कारण अपकी कुंडली में दोष पैदा हो रहा है तो जल्द उसे दूर करने का उपाय कर लें। ताकि उसके बुरे प्रभावों से बचा जा सके। अगर आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है को वह बहुत हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए काल सर्प दोष का जल्द से जल्द कोई उपाय कर लें। नहीं तो आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से घिरे रहेंगे।
कैसे बनता है कालसर्प दोष
ज्योतिष शास्त्र की माने तो जब कुंडली के ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाती हैं तो उसे कालसर्प दोष कहा जाता है। ज्योतिष में राहु को काल कहा गया है, जिसका अर्थ होता है मृत्यु। वहीं सर्प को केतु का अधिदेवता कहा जाता है। यही कारण है कि इस दोष को काल सर्प दोष कहा जाता है। कालसर्प दोष से कुंडली में ग्रहों के शुभ फल भी नष्ट हो जाते हैं।
कुंडली में कालसर्प दोष के लक्षण
कुंडली में कालसर्प दोष हो तो कई तरह की शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष तरक्की, विवाह जैसे कामों में बाधाएं आती हैं।
यह दोष व्यक्ति को संतान संबंधी कष्ट भी देता है। या तो संतान नहीं होती या फिर संतान को कई कष्टों का सामना करना पड़ता है।
काल सर्प दोष के कारण कामकाज और करियर में रुकावटें आती हैं।
सोते समय सपने में बार-बार सांप दिखना भी कालसर्प दोष होने का ही लक्षण है।
कुंडली से काल सर्प दोष को दूर करने के लिए शनिवार को बहते पानी में कोयला प्रवाहित करें। शिवलिंग पर सोमवार, शिवरात्रि या नागपंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन चढ़ाए या फिर बहते पानी में प्रवाहित करें। सावन के महीने में कालसर्प दोष निवारण के उपाय करें तो अच्छा रहेगा।