मंदिर में पूजा करते वक्त कई बार हमसे छोटी से लेकर बड़ी तक कई गलतियां होती हैं लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे आपकी यह गलतियां माफ हो सकती हैं। शिवपुराण में मंदिर में पूजा करते वक्त हुई गलती के लिए एक मंत्र के बारे में बताया गया है।
यह उपाय मंदिर में हुई इन गलतियों को माफ करने के लिए कारगार है। दरअसल मंदिर में पूजा के वक्त हुई गलती से भक्त बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं और अपने आपको कसूरवार तक मानने लगते हैं, यहां तक की वह अपने आपको माफ न करने या फिर पाप लगने जैसी धारणा को मन में लेकर पछताने लगते हैं और अपने आपको कोसने तक लगते हैं। ऐसा किसी के साथ ना हो इसके लिए शिवपुराण के अंदर मंदिर में एंट्री करने से पहले इस एक मंत्र के उच्चारण के बारे में बताया गया है।
मंदिर में जाने से पहले अगर कोई शख्स इस मंत्र का उच्चारण करता है तो उसे किसी भी तरह की परेशानी या समस्या का सामना नही करना पड़ेगा। आम जिंदगी में कई बार मंदिर जाते समय भक्तों से कोई ना कोई गलती हो ही जाती है। जिसकी वजह से उन्हें उनकी पूजा का कोई फल नहीं मिलता। शिवपुराण में मंदिर में जाने के कुछ खास नियमों और तरीकों के बारे में बताया गया है, इनके बारे में आईए विस्तार से जानते हैं।
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मंदिर में जाने से पहले बोलें ये शब्द
शिवपुराम के अनुसार मंदिर में जाने से पहले भक्तों को “पंचाक्षरी मंत्र ऊं नमः शिवाय” जरूर बोलना चाहिए। दरअसर शिवपुराण में इस मंत्र को काफी शक्तिशाली माना गया है। कहा जाता है कि इस एक मंत्र में सम्पूर्ण शास्त्र का ज्ञान बसा हुआ है। इस मंत्र के उच्चारण से न सिर्फ पूजा मनें हुई गलतियों की माफि मिलती है बल्कि देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से मोक्ष भी मिलता है। इस मंत्र को आप मंदिर के अंदर खड़े होकर या बैठ कर भी बोल सकते हैं।
मंदिर की चौखट पर ना रखें पैर
शिवपुराण में कहा गया है कि मंदिर की चौखट पर देवी देवताओं के द्वारपाल बैठे होते हैं। यहगी कारण है कि चौखट पर पैर रखने के बजाय उसे फांदना सही माना जाता हैं। ऐसा करने से आप पाप के भागी नहीं बनते हैं।