Mahashivratri fast breaking: महाशिवरात्रि व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से वर्षभर की शिव पूजा के समान पुण्य प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त उपवास रखकर रात्रि जागरण करते हैं और अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करते हैं। मान्यता है कि सही विधि और समय पर व्रत खोलने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। इस साल महाशिवरात्रि व्रत 26 फरवरी को रखा गया, और इसका पारण 27 फरवरी की सुबह किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे तक मान्य रहेगी। इस लेख में जानिए महाशिवरात्रि व्रत पारण का शुभ मुहूर्त और सही तरीका।
महाशिवरात्रि व्रत पारण का शुभ मुहूर्त
- व्रत पारण की तिथि: 27 फरवरी 2025
- व्रत पारण का समय: सुबह 06:48 बजे से 08:54 बजे तक
- चतुर्दशी तिथि मान्य: 26 फरवरी सुबह 11:08 बजे से 27 फरवरी सुबह 08:54 बजे तक
शास्त्रों के अनुसार, व्रत का पारण तभी करना चाहिए जब चतुर्दशी तिथि समाप्त होने के करीब हो और सूर्योदय के बाद का शुभ मुहूर्त हो। इस साल व्रत का पारण 27 फरवरी को सुबह 06:48 बजे से 08:54 बजे के बीच किया जाना श्रेष्ठ माना गया है।
Mahashivratri व्रत का पारण कैसे करें?
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा और गंगाजल चढ़ाएं।
- विधिवत शिव आरती करें और भोग लगाएं।
- प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
- सात्विक भोजन का ही सेवन करें, मांसाहार व तामसिक भोजन से बचें।
- मूली और बैंगन का सेवन न करें, क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और यथासंभव दान-दक्षिणा दें।
व्रत पारण का महत्व
शिवपुराण में बताया गया है कि Mahashivratri का व्रत करने और सही समय पर पारण करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। व्रती को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार होता है। साथ ही, यह व्रत मनोकामना पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। इस दिन की गई पूजा और उपवास से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर भगवान शिव की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे और वे अपने जीवन में उन्नति प्राप्त करें। ॐ नमः शिवाय!