Mangal Dosh: मंगल दोष क्या होता है? शादी से पहले क्यों ज़रूरी है कुंडली मिलान?

Mangal Dosh in Kundli: भारत में विवाह से पहले कुंडली मिलान को बेहद जरूरी माना जाता है। इसमें वर-वधू के गुणों का मिलान के साथ-साथ विवाह में आने वाली बाधाओं की पहचान भी की जाती है। इसमे सबसे प्रमुख बाधा मंगल दोष को माना जाता है, जिसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है।

Mangal Dosh

Manglik dosh remedies

Remedies to remove Manglik dosh: विवाह सिर्फ दो लोगों का नहीं, दो परिवारों का भी संगम होता है। भारत में विवाह से पहले कुंडली मिलान की परंपरा सदियों पुरानी है। कुंडली मिलान केवल वर और वधू के गुणों का मिलान करना नहीं है, बल्कि दांपत्य जीवन में आने वाली संभावित बाधाओं, समस्याओं और ग्रहों के प्रभाव को समझकर उन्हें समय रहते सुधारना होता है। इन बाधाओं में से सबसे प्रमुख मंगल दोष (Mangal Dosh) या कुज दोष को माना जाता है। इसे आम बोलचाल में मांगलिक दोष भी कहा जाता है। इसे वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है। इसे अक्सर शादी में देरी, वैवाहिक कलह या तलाक जैसी समस्याओं का कारण माना जाता है।

मंगल दोष क्या होता है?
मंगल एक उग्र और अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है। यह साहस, ऊर्जा, आत्मबल और युद्ध क्षमता का प्रतीक है, लेकिन जब यह अशुभ स्थानों में होता है तो वैवाहिक जीवन में तनाव, झगड़े, और यहां तक कि तलाक तक की नौबत ला सकता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है तब मंगल दोष बनता है।

मांगलिक दोष का व्यक्ति पर प्रभाव?
अगर पति-पत्नी दोनों की कुंडली में मंगल दोष का संतुलन न हो, तो परेशानी और अधिक बढ़ सकती है। मंगल दोष वाले व्यक्ति के दांपत्य जीवन में असंतुलन और तकरार बनी रहती है। इसके कारण वैवाहिक जीवन में सुख की कमी और संतान प्राप्ति में देरी जैसी समस्याएं भी व्यक्ति को परेशान कर सकती हैं। इसके अलावा यह दोष जीवन साथी की सेहत पर बुरा असर, मानसिक अशांति और कलह का कारण बनता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि मंगल दोष वाला हर व्यक्ति वैवाहिक जीवन में परेशान ही हो। इसकी तीव्रता और प्रभाव कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है।

शादी से पहले कुंडली मिलान क्यों जरूरी?
ज्योतिष में विवाह से पहले कुंडली मिलान को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस गुण मिलान कहा जाता है। इसमें कुल 36 गुणों का मिलान किया जाता है, जिसमें मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्तर पर संगति देखी जाती है। हालांकि गुण मिलान के अलावा भी कुंडली मिलान के जरिए मंगल दोष, नाड़ी दोष आदि दोषों की पहचान की जाती है। इसमें ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण भी किया जाता है। इसमें शादी के लिए शुभ मुहूर्त तय करने के अलावा विवाह में आने वाली समस्याओं का पूर्व अनुमान भी लगाया जाता है।

मंगल दोष के उपाय?
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं। इसके लिए ज्योतिष में कई तरह के उपाय बताए गए हैं। यदि एक मांगलिक जातक का विवाह दूसरे मांगलिक जातक से किया जाए तो यह ज्योतिषीय रूप से अत्यंत अनुकूल होता है। यह न केवल दोष को कम करता है, बल्कि दोनों के स्वभाव और मानसिक स्तर में साम्यता लाता है। इसके अलावा मंगल से संबंधित होने के कारण हनुमान जी की पूजा, मंगलवार को व्रत रखना मंगल दोष के प्रभाव को शांत करता है। कई जगहों पर मंगल दोष से बचने के लिए कुंभ विवाह संस्कार कराया जाता है। इसमें पहले मिट्टी के घड़े या पीपल के वृक्ष से एक प्रतीकात्मक विवाह कराया जाता है।

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