Religious News: जानिए दुनिया का सब से प्राचीन मंदिर कहाँ है और क्या है इसका इतिहास

मंगलनाथ स्वामी मंदिर, तमिलनाडु में स्थित, इसे दुनिया का पहला शिव मंदिर माना जाता है। ये मंदिर 8,000 साल पुराना है और यहां सबसे पुराना इलंती का पेड़ है। यहां पूजा में थाजंपू फूलों का इस्तेमाल होता है और ये रावण के विवाह से भी जुड़ा है। इसे पुनर्जन्म का पवित्र स्थान माना जाता है।

Religious News: क्या आपने कभी सुना है कि दुनिया का पहला शिव मंदिर कहां स्थित है यह मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के उत्तरीकोसमंगई में स्थित है, और इसे दुनिया का पहला शिव मंदिर माना जाता है। इस मंदिर का नाम मंगलनाथ स्वामी मंदिर है। यह मंदिर इतना खास है कि इसे शिव का निवास स्थान भी माना जाता है। इस मंदिर की उम्र लगभग 8,000 साल है, जो इसे बहुत ऐतिहासिक बनाती है।

मंदिर का इतिहास और संरचना

मंगलनाथ स्वामी मंदिर के अंदर कई ऐतिहासिक घटनाओं के निशान पाए जाते हैं। यहां रावण और मंदोदरी के विवाह के संकेत भी मिलते हैं, और यह भी माना जाता है कि यहाँ विभिन्न ऋषि और मुनि निवास करते थे। मंदिर के अंदर एक बहुत पुराना इलंती का पेड़ भी है, जो आज भी 3,300 साल पुराना होने के बावजूद फलता फूलता है। मंदिर की संरचना भी बहुत दिलचस्प है। यह लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ सात मंजिला राजगोपुरम सहित कुल पाँच गोपुरम हैं। यहाँ पर 6 फीट ऊँची मणिकृत नटराज की मूर्ति चंदन लेप से सजी हुई है।

मंदिर की खासियतें

मंगलनाथ स्वामी मंदिर की एक और दिलचस्प बात यह है कि यहाँ पूजा के लिए आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होने वाले थाजंपू फूलों का ही उपयोग किया जाता है। कहा जाता है कि इन फूलों से पूजा करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। यह स्थान पुण्य और पाप से परे है, यानी यहाँ कोई भी आ सकता है और उसे नया जन्म मिल सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी ने यहां पूजा की थी, और तब जाकर उनके विवाह की बाधाएं समाप्त हुईं।

रामायण से पहले का शिव मंदिर

यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि ऐतिहासिक भी है इसे रामायण से पहले का शिव मंदिर भी माना जाता है। कहा जाता है कि यहां पहले पहल आरुध्र दर्शन हुआ था, जो शिव के एक रूप का दर्शन होता है। इस मंदिर को दक्षिण कैलाश भी कहा जाता है, और यह आदिकाल का शिवालय है।

कुल मिलाकर, मंगलनाथ स्वामी मंदिर न केवल अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक ऐसी जगह है जहां लोग आकर अपनी आस्था और भक्ति को महसूस कर सकते हैं। यह दुनिया के पहले शिव मंदिर के रूप में श्रद्धालुओं के बीच बहुत सम्मानित स्थान रखता है और इसके बारे में जितना भी जानें, उतना कम है।

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