Mysterious life of Aghori Sadhu : अघोरी साधु भारतीय साधना की सबसे रहस्यमयी और भयानक धाराओं में से एक माने जाते हैं। ये साधु आमतौर पर श्मशान घाटों में रहते हैं, और उनकी साधना तंत्र मंत्र, शव साधना जैसी कठिन और अजीबोगरीब प्रक्रियाओं के माध्यम से होती है। अघोरी साधु अपनी जटिल जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं, जो संसार से बिल्कुल अलग होती है। इनकी आदतें, खानपान, और साधना की विधियां लोगों के लिए रहस्य और डर का कारण बनती हैं।
जीवन और उनकी साधना
अघोरी साधु अपने जीवन में कोई निश्चित शुरुआत या अंत नहीं मानते। उनका विश्वास है कि वे धर्म की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे, और कोई भी व्यक्ति उनके सामने धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कह सकता। ये साधु हमेशा श्मशान घाटों में रहते हैं, ताकि वे अपनी साधना और तपस्या में पूरी तरह से समर्पित हो सकें। इनका मानना है कि श्मशान में रहकर जीवन के वास्तविक उद्देश्यों की ओर मार्गदर्शन मिलता है।
मौत के बाद का खौफनाक मंजर
अघोरी साधु की मृत्यु के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार कुछ अलग ही होता है। उन्हें जलाने के बजाय, शव को उल्टा रखा जाता है ताकि उसमें कीड़े पड़ें जाए और उसकी पापों को नष्ट कर सकें। यह प्रक्रिया लगभग एक महीने तक जारी रहती है, जिसके बाद शव को गंगा में विसर्जित कर दिया जाता है, ताकि उनके पापों को धोकर आत्मा को शांति मिल सके।
अघोरी की मुंडी पर शराब डालने की खौफनाक प्रथा
Aghori sadhuकी मृत्यु के बाद एक और विचित्र प्रथा होती है, जिसे मुंडी साधना कहा जाता है। इस प्रक्रिया में, शव से सिर को निकालकर उस पर शराब डाली जाती है। इसके बाद, मुंडी अजीब हरकतें करने लगती है, जैसे उछलने कूदने और आवाज निकालने लगना।
इसे जंजीरों से बांधकर रखा जाता है, और यह प्रक्रिया 40 दिनों तक जारी रहती है। इसका उद्देश्य अघोरी साधु की तंत्र मंत्र की शक्ति को प्रदर्शित करना होता है।
अघोरी साधु का खानपान
Aghori sadhu का खानपान आमतौर पर बहुत ही विचित्र होता है। ये साधु इंसान के मांस का सेवन करते हैं, हालांकि गाय के मांस से वे दूर रहते हैं। उनका मुख्य आहार मानव मल, मुर्दे का मांस और तंत्र मंत्र से जुड़ी अन्य वस्तुएं होती हैं। यह सब उनकी साधना को निरंतर बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है।
हठधर्मिता और गुस्सा
अघोरी साधु अपनी हठधर्मिता और गुस्से के लिए भी प्रसिद्ध होते हैं। वे जब किसी बात पर अड़ जाते हैं, तो उसे पूरा किए बिना नहीं रुकते। इनके गुस्से को शांत करने के लिए साधना और तंत्र मंत्र की सहायता ली जाती है। हालांकि, उनकी आंखों में गुस्सा दिखाई देता है, लेकिन असल में वे अंदर से शांत और नियंत्रित होते हैं।
अघोरी साधु और जानवरों का संबंध
साधु अपनी साधना के दौरान कुत्तों को पालते हैं, जो उनके शिष्य होते हैं और उनकी सेवा करते हैं। इन साधुओं का कोई सामान्य संपर्क बाहरी दुनिया से नहीं होता, और वे पूरी तरह से अपनी तंत्र मंत्र साधनाओं में व्यस्त रहते हैं।
अघोरी साधु एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो रहस्य और डर से भरी होती है। उनकी साधना और जीवनशैली सामान्य समाज से बहुत अलग होती है, और यह उनकी गहरी आस्था और विश्वास को दर्शाती है।
हालांकि इनकी प्रथाओं को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य केवल अपने आत्मिक और मानसिक उन्नति की ओर बढ़ना होता है। इनकी जीवनशैली अत्यधिक हठधर्मिता और साधना से भरपूर होती है।
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