Vidisha lock temple : मध्य प्रदेश के विदिशा में एक अनोखा मंदिर है, जिसे “ताले वाली माता का मंदिर” कहा जाता है। यहां भक्त अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए ताले लगाते हैं, जिससे उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर बेतवा नदी के किनारे स्थित है, और इसकी मान्यता 30 साल पुरानी है।
मंदिर का इतिहास और शुरुआत
यह मंदिर तब बनना शुरू हुआ जब 30 साल पहले देवी की मूर्ति एक बेरी के पेड़ के नीचे प्रकट हुई थी। इसके बाद भक्तों ने यहां मन्नतें पूरी करने के लिए ताले लगाने की अनोखी परंपरा शुरू की। यहां वे अपने दुश्मनों को कमजोर करने और जीवन की समस्याओं से राहत पाने के लिए ताले लगाते हैं।
मंदिर के बारे में एक पुजारी ने बताया कि जब यहां माता की मूर्ति स्थापित की गई, तब से इस मंदिर की मान्यता बढ़ गई। लोग यहाँ अपनी मनोकामनाएँ लेकर आते हैं और ताला लगाते हैं। फिर उनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं। इसके बाद मंदिर में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ने लगी।
मंदिर में ताले लगाने की परंपरा
अब भक्त एक स्थान पर ताला लगाते हैं और उसकी चाबी माता के सामने रखते हैं। पहले जहाँ ताले लगाने के लिए पर्याप्त जगह थी, अब वह जगह कम पड़ गई है। अब लोग ताले को जंजीर में भी बांधकर अपनी मन्नत पूरी करने का विश्वास रखते हैं।
यह मंदिर विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो कानूनी मामलों या व्यक्तिगत समस्याओं से जूझ रहे हैं। लोग यहां आकर अपनी समस्या का समाधान पाने की उम्मीद रखते हैं, और कई बार यह सच में काम करता है।
श्रद्धा और विश्वास
अब ताले वाली माता का मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन चुका है, जहां लोग दूर-दूर से अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए आते हैं। ज्यादातर श्रद्धालु भोपाल, सिरोंज, लटेरी, शमशाबाद और सागर से आते हैं। मंदिर की मुख्य देवी चंबा मां की मूर्ति है, और भक्त उन्हें अपनी मन्नतें अर्पित करते हैं। यहां पर लोग हर तरह की मन्नतें मांगते हैं चाहे वे भूमि विवाद हों, कोर्ट के मामले हों या पारिवारिक समस्याएँ हों।
मंदिर में अब तक हजारों ताले और चाबियाँ रखी हुई हैं, जो श्रद्धालुओं के विश्वास का प्रतीक हैं। लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर ताले की चाबी यहां रखकर माता का धन्यवाद अर्पित करते हैं। इस मंदिर की शक्ति पर लोगों का विश्वास इतना गहरा है कि वे अपनी समस्याओं का हल पाने के लिए यहां आते हैं और उनकी मन्नतें पूरी भी होती हैं।