भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी रहस्यमयी घटनाओं के लिए मशहूर हैं। इन मंदिरों में होने वाली घटनाएं विज्ञान के लिए भी एक पहेली बनी हुई हैं। गढ़मुक्तेश्वर का गंगा मंदिर, बक्सर का त्रिपुर सुंदरी मंदिर, ओडिशा का टिटलागढ़ शिव मंदिर, कांगड़ा का भैरव मंदिर और तमिलनाडु का ऐरावतेश्वर मंदिर, ये सभी ऐसे स्थान हैं, जहां के रहस्यों को आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। आइए जानते हैं इन मंदिरों के पीछे छिपी कहानियां।
गढ़मुक्तेश्वर गंगा मंदिर – जहां शिवलिंग पर उगती है कली
उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर में स्थित प्राचीन गंगा मंदिर आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर हर साल एक कली उगती है, और जब वह फूटती है, तो उसमें भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की आकृतियां दिखाई देती हैं। इस पर कई शोध किए गए, लेकिन कोई भी इस घटना के पीछे का वैज्ञानिक कारण नहीं ढूंढ पाया।
बक्सर का त्रिपुर सुंदरी मंदिर – आधी रात को आती हैं आवाजें
बिहार के बक्सर जिले में स्थित मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर करीब 400 साल पुराना है। इसे एक तांत्रिक भवानी मिश्र ने स्थापित किया था। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां प्रवेश करते ही एक अलग तरह की ऊर्जा महसूस होती है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आधी रात को मंदिर परिसर से अजीबो-गरीब आवाजें आने लगती हैं।
टिटलागढ़ का शिव मंदिर – जहां गर्मी में भी रहता है ठंडा माहौल
ओडिशा का टिटलागढ़ क्षेत्र अपनी भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है। यहां स्थित कुम्हरा पर्वत पर एक प्राचीन शिव मंदिर बना हुआ है, जहां का माहौल किसी रहस्य से कम नहीं है। मंदिर के बाहर तापमान इतना ज्यादा होता है कि लोग 5 मिनट भी खड़े नहीं रह सकते, लेकिन मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही ठंडक का अनुभव होता है। यह ठंडक इतनी अधिक होती है कि लोग इसे एसी से भी ज्यादा ठंडा बताते हैं।
कांगड़ा का भैरव मंदिर – जब मूर्ति से बहने लगते हैं आंसू
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित बाजेश्वरी देवी मंदिर में एक भैरव बाबा की मूर्ति है। इस मूर्ति का रहस्य यह है कि जब भी कोई बड़ी समस्या या प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है, तो इस मूर्ति से आंसू बहने लगते हैं। स्थानीय लोग इस घटना को किसी अनहोनी का संकेत मानते हैं।
ऐरावतेश्वर मंदिर – जहां सीढ़ियों से बजती है संगीत की धुन
तमिलनाडु में स्थित ऐरावतेश्वर मंदिर 12वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसकी सबसे खास बात यह है कि मंदिर की तीन सीढ़ियों से अलग-अलग संगीत की धुनें निकलती हैं। जब इन सीढ़ियों पर थोड़ा जोर से कदम रखा जाता है, तो अलग-अलग सुरों की आवाजें सुनाई देती हैं।