Navratri : नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और शक्ति की आराधना का प्रतीक है। कहा जाता है, नवरात्रि के दौरान कुछ कार्य वर्जित होते हैं, ताकि उपवास और पूजा की पवित्रता बनी रहे। ये मान्यताएं धार्मिक आस्था और परंपराओं से जुड़ी होती हैं। यहां कुछ ऐसे कार्य हैं जो नवरात्रि में नहीं करने चाहिए. आइए जानते है वह कौन-से काम है.
Navratri के दौरान मांसाहार और नशे का सेवन न करें
धार्मिक आस्था और परंपराओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान मांस, मछली, अंडा, और शराब का सेवन वर्जित होता है। यह शुद्धि और संयम का समय माना जाता है।
Navratri के दौरान बाल और नाखून ना काटाएं
धार्मिक आस्था और परंपराओं के अनुसार इस समय बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। यह परंपरा शुद्धता और सादगी बनाए रखने के लिए है।
Navratri के दौरान लहसुन और प्याज का सेवन न करें
धार्मिक आस्था और परंपराओं के अनुसार नवरात्रि में सात्विक भोजन किया जाता है, जिसमें लहसुन और प्याज जैसी तामसिक चीजें नहीं होतीं।
धार्मिक अनुष्ठानों में लापरवाही
धार्मिक आस्था और परंपराओं के अनुसार नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। पूजा में लापरवाही या आलस्य करना वर्जित माना जाता है।
किसी का अपमान या बुरा व्यवहार
इस समय अपने व्यवहार को संयमित रखना चाहिए। किसी से लड़ाई-झगड़ा, अपशब्दों का प्रयोग, या अपमान करना अशुभ होता है।
नकारात्मक विचार और कार्य
धार्मिक आस्था और परंपराओं के अनुसार नवरात्रि में मन और मस्तिष्क को शुद्ध रखना चाहिए। नकारात्मक विचारों, क्रोध, द्वेष आदि से बचना चाहिए।
अशुद्ध वस्त्र पहनना
धार्मिक आस्था और परंपराओं के अनुसार पूजा और व्रत के दौरान साफ-सुथरे और शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए। गंदे या बिना धुले कपड़े पहनने से पूजा की पवित्रता भंग होती है।
आलस्य और आराम
नवरात्रि में आलस्य और अधिक आराम करना अनुचित माना जाता है। इस समय अधिकतर लोग उपवास करते हैं और ध्यान, भजन-कीर्तन में समय बिताते हैं।
स्त्री का अनादर
नवरात्रि में महिलाओं का विशेष सम्मान किया जाता है। इस समय किसी महिला का अपमान करना विशेष रूप से वर्जित होता है। इन सभी मान्यताओं का उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में शुद्धता, भक्ति और संयम लाना होता है, ताकि मां दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सके।