Jharkhand :रामायण काल का साक्षी पंपापुर, जानिए क्या है सुग्रीव की गुफा और शबरी के आश्रम का इतिहास

पंपापुर, जो अब कोट के नाम से जाना जाता है , झारखंड में है।और रामायण से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जगह है। यहां सुग्रीव की गुफा, भगवान राम से जुड़ी घटनाएं, एक प्राचीन मंदिर और अद्भुत झरना है।

Pampapur historical and religious site

Religious Place-पंपापुर, जिसे अब पालकोट कहा जाता है, झारखंड में स्थित एक अहम ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान है। यह जगह रामायण से जुड़ी हुई है और यहां वानर राजा सुग्रीव की गुफा भी है। इसे जानने से हमें इतिहास और धर्म से जुड़ी बहुत सी बातें समझ आती हैं।

पंपापुर का इतिहास

पंपापुर या पालकोट पर्वत रामायण के समय से जुड़ा हुआ है। यहां वानर राजा सुग्रीव और उनके भाई बाली का साम्राज्य था। यह स्थान भगवान राम के साथ भी जुड़ा है। इस जगह के बारे में बहुत सी प्राचीन कहानियाँ हैं, जो इसे खास बनाती हैं। पंपापुर में श्रीमुख पर्वत भी है, जहां सुग्रीव की गुफा स्थित है। इस गुफा को सुग्रीव ने छिपने के लिए इस्तेमाल किया था।

सुग्रीव गुफा और भगवान राम

जब भगवान राम माता सीता की तलाश में निकले थे, तो उनकी मुलाकात सुग्रीव से यहां हुई। सुग्रीव ने राम से मदद मांगी, क्योंकि उसके भाई बाली ने उसे राज्य से बेदखल कर दिया था। इसके बाद भगवान राम ने बाली का वध किया और सुग्रीव को उसका राज्य वापस दिलवाया। इस घटना के बाद, राम ने पर्वत की चोटी पर बाणों से पानी निकालकर एक तालाब बनाया, जो आज भी मौजूद है।

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शबरी का आश्रम और धार्मिक स्थल

यहां पर शबरी का आश्रम भी था, जहां उसने भगवान राम का स्वागत किया था। इस स्थान पर कई ऋषियों के आश्रम भी थे, जो यहां तपस्या करते थे। आज भी पंपापुर पर्वत पर एक प्राचीन मंदिर और तालाब है। इस मंदिर में एक शंख रखा हुआ है, जिसे मतंग ऋषि का शंख माना जाता है।

पंपापुर पर्वत का झरना

पंपापुर पर्वत पर एक झरना भी है, जिसकी खासियत यह है कि यह गर्मी में भी सूखता नहीं है। इस झरने का पानी गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रहता है, जो इसे और भी खास बनाता है। झरने के बीच में एक शिवलिंग भी है, और इसका पानी का स्रोत आज भी एक रहस्य बना हुआ है।

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

पंपापुर, या पालकोट पर्वत, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यहां की गुफा, मंदिर, तालाब और झरने आज भी तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करते हैं। यह जगह रामायण से जुड़ी होने के कारण खास बन गई है और आज भी लोग यहां आकर श्रद्धा अर्पित करते हैं। यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद खास है।

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