Paush Amavasya 2025: साल 2025 में पौष कृष्ण पक्ष की अमावस्या 19 दिसंबर को पड़ रही है। इस अमावस्या का विशेष महत्व स्नान, दान, श्राद्ध और तर्पण के लिए माना गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पितरों का पूजन करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौष अमावस्या पर श्राद्ध और तर्पण का महत्व
पौष अमावस्या के दिन पितरों के लिए दूध और चावल की खीर बनाकर भोग लगाने की परंपरा है। गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर उस पर पितरों के निमित्त खीर अर्पित की जाती है। भोग लगाने के बाद थोड़ा सा जल दाएं हाथ की ओर, यानी भोग की बाईं तरफ छोड़ देना चाहिए।
अगर खीर बनाना संभव न हो, तो घर में बना कोई भी शुद्ध और ताजा भोजन पितरों को अर्पित किया जा सकता है।
तर्पण करने की सही विधि
इस दिन एक लोटे में जल भरकर उसमें गंगाजल, दूध, चावल और तिल मिलाएं। फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का तर्पण करें। माना जाता है कि इससे पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
पौष अमावस्या के खास उपाय
तरक्की के लिए उपाय: तुलसी की जड़ से थोड़ी मिट्टी लेकर पानी में मिलाकर लेप बनाएं, शरीर पर लगाकर स्नान करें और भगवान विष्णु को प्रणाम करें।
शत्रु भय से मुक्ति: भगवान विष्णु के 12 नामों का स्मरण करते हुए पीले फूल अर्पित करें।
मान-सम्मान के लिए: किसी कन्या या जरूरतमंद विवाहित महिला को पीले वस्त्र दान करें।
संकट से रक्षा: मंदिर में लाल कपड़े पर श्रीमद्भागवत गीता स्थापित कर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
स्वास्थ्य के लिए: आटे और शक्कर से हवन करें या कन्याओं को भोजन कराएं।
धन वृद्धि के लिए: मां लक्ष्मी को 11 अक्षत अर्पित कर मंत्र जाप करें और चावल तिजोरी में रखें।
नजर दोष से बचाव: नमक वाली कोई चीज गाय को खिलाएं।
नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। news1india इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है। यहां पर दी गई किसी भी प्रकार की जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें।










