Religious News : पितृपक्ष 2025 की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह 16 दिनों का विशेष समय होता है, जब लोग अपने पितरों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और हवन आदि करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस काल में सात्विक जीवन जीना और संयम रखना जरूरी होता है। इस दौरान व्यक्ति को मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजों से परहेज़ करना चाहिए।
इसी तरह, पितृपक्ष में कई वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें खरीदना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि इस समय पर इन चीजों की खरीदारी से पितृ नाराज़ हो सकते हैं और जीवन में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
पितृपक्ष में किन चीजों की खरीदारी वर्जित है?
लोहा या लोहे से बना सामान खरीदना अशुभ माना गया है।
इस दौरान नए कपड़े न लें।
सोना-चांदी जैसे आभूषण भी खरीदने से बचें।
पितृपक्ष में वाहन खरीदना वर्जित है।
जमीन या मकान की खरीद-फरोख्त शुभ नहीं मानी जाती।
जूते-चप्पल और शादी से जुड़े सामान भी इस दौरान नहीं खरीदने चाहिए।
झाड़ू की खरीदारी भी वर्जित मानी जाती है।
क्या खरीदना होता है शुभ?
पितृपक्ष के समय केवल श्राद्ध और पूजा-पाठ से जुड़ी चीजें खरीदना शुभ होता है। जौ, काले तिल, कुशा, चमेली का तेल, चावल, धूप और दीपक आदि इस दौरान खरीदे जा सकते हैं। साथ ही धार्मिक पुस्तकें खरीदने और उन्हें दान करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष में नियमों का पालन कर तर्पण और श्राद्ध करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और जीवन की परेशानियां कम होती हैं। यह काल केवल श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।
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