Dusra Sawan Somvar : शिव आराधना का पावन अवसर महादेव को प्रसन्न करने का सबसे शुभ दिन जानें पूजा विधि

21 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष फल देती है। जानिए सही पूजा विधि, जलाभिषेक का समय, शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं और क्या न चढ़ाएं।

Sawan 2025

Sawan second Monday:हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस पवित्र महीने में महादेव पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। इस समय की गई थोड़ी-सी पूजा भी बहुत फल देती है।

21 जुलाई, सावन का दूसरा सोमवार

इस बार सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।

जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे उत्तम समय 21 जुलाई की सुबह 4:14 से 4:55 बजे तक रहेगा। इस समय जलाभिषेक करने से विशेष पुण्य फल मिलता है।

शिव जी की पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।

पूजा स्थान को साफ करके शिवलिंग रखें।

फिर शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।

बेलपत्र, फूल, धूप, दीप चढ़ाएं।

“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

अंत में आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।

शिव जी को प्रसन्न करने वाले मंत्र

ॐ नमः शिवाय (सबसे सरल और प्रभावशाली)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे… (महामृत्युंजय मंत्र)

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे… (रुद्र गायत्री मंत्र)जल चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप करें।

क्या करें सावन के सोमवार को?

व्रत रखें: मन से श्रद्धा पूर्वक सोमवार का उपवास करें।

शिव पुराण का पाठ करें: इससे शिवजी विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।

दान करें: गरीबों को भोजन, कपड़े और जरूरत की चीजें दें।

शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

काला तिल, गन्ने का रस, दूध, शहद, धतूरा

बेलपत्र, चंदन, गेहूं, इत्र

फल: केला, सेब, बेर, अमरूद, बेल

शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

तुलसी के पत्ते, केतकी का फूल, हल्दी, शंख का जल

सिंदूर, लाल फूल, टूटा बेलपत्र

फल: नारियल, अनार, जामुन, कटहल, केला (शिवलिंग पर विशेष रूप से वर्जित)

कौन से फूल चढ़ाएं?

शमी, धतूरा, आक (मदार), कनेर, बेला, चमेली, गुलाब

नोट: लाल रंग के फूल, केवड़ा और बहेड़ा के फूल न चढ़ाएं।

डिस्क्लेमर:यह लेख धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। news1india इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। किसी भी पूजा विधि के लिए विशेषज्ञ/ धार्मिक गुरु की सलाह लें।

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