Sheetala Ashtami fasting benefits: हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी व्रत को बहुत ही पवित्र और लाभकारी माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संक्रामक रोगों से बचाव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन माता शीतला की विधिपूर्वक पूजा की जाती है और उन्हें बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है। इसलिए इसे ‘बसौड़ा पर्व’ भी कहा जाता है।
इस वर्ष शीतला सप्तमी 21 मार्च को और शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन देवी शीतला की आराधना करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और बीमारियों से बचाव होता है। धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि इस व्रत के दौरान कुछ कार्य करने से बचना चाहिए, अन्यथा जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
शीतला अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए?
इस पवित्र दिन को विधिपूर्वक मनाने के लिए कुछ जरूरी नियमों का पालन करना आवश्यक है
स्नान और संकल्प
व्रत रखने वालों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
बासी भोजन का भोग
माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन बासी भोजन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
पूजा विधि
माता शीतला की पूजा पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करनी चाहिए। पूजा के दौरान देवी से घर-परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें और पूरे दिन माता की आराधना करें।
चूल्हा न जलाएं
इस दिन घर में चूल्हा जलाने की मनाही होती है। इसलिए भोजन एक दिन पहले ही बनाकर रख लेना चाहिए और उसी का सेवन करना चाहिए।
शीतला अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
नया भोजन न पकाएं
इस दिन ताजा भोजन पकाना वर्जित माना जाता है। यदि इस नियम का पालन न किया जाए तो व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता।
गर्म भोजन और चाय का सेवन न करें
शीतला अष्टमी के दिन गर्म भोजन, चाय या अन्य गरम पेय पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से देवी शीतला नाराज हो सकती हैं।
घर की सफाई न करें
इस दिन घर में झाड़ू-पोंछा लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से माता शीतला की कृपा कम हो सकती है। व्रत का पूरा लाभ पाने के लिए इस नियम का पालन करना जरूरी है।