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सोमवार व्रत के दिन करें इन नियमों का पालन, सफल होगी पूजा

Sawan Somwar 2022: सोमवार व्रत के दिन करें इन नियमों का पालन, सफल होगी पूजा

Sawan Somwar 2022: सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है. सभी प्रसिद्ध शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. इन दिनों भगवान शिव के मंदिर में हर हर महादेव और बम बम भोले का जयघोष हो रहा है. वैसे तो सावन के पूरे महीने किसी भी दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व है, लेकिन सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार के दिन शिवजी के पूजा करने और रुद्राभिषेक करने का अपना अलग ही महत्व है. इस बार सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है.इस दिन भक्त भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं. इस व्रत को रखने से व्यक्ति को सभी तरह के दुख-दर्द से मुक्ति मिल जाती है और जीवन सुखमय हो जाता है. भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है और उन्हें मनाने और प्रसन्न करने के लिए किसी खास तरह की पूजा अर्चना नहीं करनी पड़ती.

यह व्रत बेहद सरल होता है. लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. अगर आप भी सोमवार का व्रत कर हैं या करने वाले हैं, तो जान लें कि व्रत के दौरान किन नियमों का पालन करना आवश्यक है. आइए जानते हैं कि सोमवार के दिन भगवान शंकर की अराधना करते समय किन नियमों का पालन करें.

Sawan Somwar 2022

सावन सोमवार व्रत रखने के लिए करें ये उपाय

. यदि आप सावन सोमवार का व्रत रखते हैं तो पहले सोमवार को व्रत रखते समय चारो सोमवार व्रत का संकल्प लें.
. सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और आस-पास के शिव मंदिर में जाएं.
. इसके बाद सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. और शिव और मां पार्वती की पूजा करें.
. इस दिन शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं .सोमवार के दिन शिवलिंग पर चमेली के फूल अर्पित करें. इससे
जीवन में सुख प्राप्त होता है.
. व्रत करने वाले लोगों को तीन पहर में से एक पहर में ही भोजन करें. व्रत के दौरान फलाहार करें.
. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी रोली व सिंदूर की तिलक नहीं करना चाहिए. शिवलिंग पर हमेशा चंदन का ही तिलक करें.
. भगवान शिव के मंदिर में परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि कभी भी पूरी परिक्रमा न लगाएं. जहां से दूध बहता है वहां रूक जाएं और वापस घूम जाएं.
. सोमवार का व्रत तीन तरह का होता है. एक हर सोमवार को किया जाने वाला व्रत, दूसरा सौम्य प्रदोष और तीसरा सोलह सोमवार का व्रत. इन तीनों ही
व्रतों को करने में पूजा के नियम एक जैसे हैं.

सावन सोमवार व्रत महत्व

सावन का महीना शिव जी का प्रिय महीना होता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग सावन के महीने में मां पार्वती ने कठोर तप करके भगवान शिव को प्राप्त किया था. सावन के महीने में जो भक्त सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव का विधि विधान से पूजा और जलाभिषेक करते हैं उन पर भगवान भोले प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. इतना ही शादी योग्य लड़कियां यदि सावन महीने में सोमवार का व्रत रख कर यदि मां पार्वती और भोले शंकर की उपासना करती हैं तो उनके मनवांछित वर की प्राप्ति होती है.

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