Raksha Bandhan 2025 : उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन के मौके पर महिलाओं और बालिकाओं को एक बार फिर सरकार की तरफ से मुफ्त बस यात्रा का तोहफा मिला है। परिवहन विभाग ने घोषणा की है कि 8 से 10 अगस्त तक यूपी रोडवेज और नगरीय बस सेवाओं में महिलाएं और बालिकाएं नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगी। खास बात यह है कि इस बार हर महिला के साथ एक सहयात्री को भी टिकट लेने की जरूरत नहीं होगी। यह सुविधा सभी राज्य परिवहन और नगर बस सेवाओं में लागू होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 अगस्त को बताया कि रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सरकार ने बहनों को आर्थिक राहत देने और उन्हें सुरक्षित व सम्मानजनक यात्रा का अनुभव कराने के उद्देश्य से नि:शुल्क यात्रा योजना को फिर से लागू करने का फैसला लिया है। इस पहल की शुरुआत 2017 में हुई थी, जब सरकार ने पहली बार बहनों को रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी थी ताकि वे राखी के त्यौहार पर अपने घर या भाइयों तक बिना किसी वित्तीय चिंता के पहुंच सकें।
आठ सालों में कितनी महिलाओं को मिला लाभ ?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में इस योजना के तहत 1.23 करोड़ से ज्यादा महिलाएं लाभ उठा चुकी हैं। इस दौरान परिवहन निगम ने टिकटों पर आने वाले कुल 101 करोड़ रुपये से अधिक का भार खुद वहन किया है। यह योजना अब सिर्फ एक सरकारी घोषणा नहीं, बल्कि एक मजबूत सामाजिक परंपरा बन चुकी है।
यह भी पढ़ें : ये 5 बॉलीवुड सितारे लगते हैं रिश्ते में भाई-बहन…
शुरुआत में यह योजना केवल रक्षाबंधन के दिन तक सीमित थी, लेकिन यात्रियों की संख्या और लोकप्रियता को देखते हुए अब इसे तीन दिनों तक लागू किया जाता है। 2017 में जहां करीब 11 लाख महिलाओं ने इस सेवा का लाभ लिया था, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 29 लाख के पार पहुंच गई। 2022 में भी 22 लाख से ज्यादा महिलाएं मुफ्त सफर कर सकीं।
सुरक्षित और सुलभ यात्रा के लिए विशेष इंतज़ाम
परिवहन विभाग के अनुसार, रक्षाबंधन जैसे भावनात्मक पर्व पर महिलाओं की यात्रा को सुरक्षित और सुलभ बनाने के लिए अतिरिक्त बसें चलाई जाती हैं और संवेदनशील मार्गों पर पुलिस बल या होमगार्ड की तैनाती की जाती है। इसके साथ ही रूट्स की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ाई जाती है ताकि भीड़ के कारण किसी यात्री को असुविधा न हो।
यह भी पढ़ें : Sanskar TV को मिला सर्वश्रेष्ठ धार्मिक चैनल का सम्मान…
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ उन महिलाओं को मिलता है जो ग्रामीण इलाकों या छोटे कस्बों में रहती हैं। आमतौर पर इन स्थानों से बड़े शहरों तक का सफर महंगा होता है और कई बार महिलाओं के लिए संभव नहीं होता। मुफ्त बस सेवा के कारण अब वे बिना आर्थिक चिंता के भाइयों को राखी बांधने जा सकती हैं और उसी दिन सुरक्षित रूप से घर भी लौट सकती हैं। इस तरह रक्षाबंधन पर शुरू की गई यह योजना अब महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक बन गई है, जो हर साल लाखों बहनों के चेहरों पर मुस्कान लाती है।