Deadly Natural Poison: रिसिन नाम का केमिकल इन दिनों मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों की चर्चा में है। हाल ही में गुजरात ATS ने तीन संदिग्धों के पास से रिसिन जब्त करने की सूचना दी, जिससे देशभर में चिंता बढ़ गई। रिसिन को दुनिया के सबसे ज़हरीले प्राकृतिक विषों में से एक माना जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इसका असर साइनाइड से हजारों गुना तक ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।
रिसिन एक प्रोटीन-आधारित टॉक्सिन है, जो अरंडी (castor) के बीजों में लगभग 1–5 प्रतिशत मात्रा में होता है। अरंडी के ये बीज आम तौर पर सजावट या तेल निकालने के काम आते हैं, लेकिन जब इन बीजों से रिसिन अलग किया जाता है तो वह शुद्ध जहरीला पदार्थ बन जाता है। यदि यह सांस के माध्यम से, खाने के साथ या इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुँच जाए, तो यह कोशिकाओं में प्रोटीन बनने की क्रिया को रोक देता है। इससे शरीर सही से काम नहीं कर पाता और अंग धीरे-धीरे फेल होने लगते हैं।
लक्षण आम तौर पर खाने या साँस से मिलने पर 4–6 घंटे के भीतर दिखना शुरू हो जाते हैं — उल्टी, दस्त, बुखार और कमजोरी जैसी तकलीफें होती हैं। गंभीर मामलों में 36–72 घंटे के भीतर मौत भी हो सकती है, क्योंकि अब तक रिसिन के लिए कोई निश्चित एंटीडोट उपलब्ध नहीं है। इलाज में अस्पताल में सपोर्टिव केयर दी जाती है — जैसे IV फ्लूइड, नॉलेजिया कम करने वाली दवाइयाँ और श्वास संबंधी मदद।
इतिहास में रिसिन का उल्लेख
इतिहास में रिसिन का उल्लेख कई घटनाओं में मिलता है। इसकी खोज 1888 में हुई थी और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कुछ जगहों पर इसकी युद्ध में उपयोग की कोशिशें हुईं। 1978 में बुल्गारिया के राजनैतिक विरोधी जॉर्जी मार्कोव की हत्या में रिसिन का इस्तेमाल करने की घटना कुख्यात है। बीसवीं सदी से लेकर हाल के वर्षों तक कई बार रिसिन से संबंधित खतरे और खतरे वाले पत्रों की खबरें आईं।
रिसिन बनाना घर पर तकनीकी रूप से संभव बताया जाता है। लेकिन यह बेहद खतरनाक प्रक्रिया है और इसमें शामिल होना जानलेवा हो सकता है। इसलिए कई देशों में इसके साथ छेड़छाड़ और रख-रखाव पर सख्त कानून हैं। भारत में भी रिसिन गैरकानूनी माना जाता है और सुरक्षा एजेंसियाँ इसे बायो-टेररिज़्म के संदर्भ में गंभीर खतरे के रूप में देखती हैं।
अंत में, रिसिन की जब्ती जैसा मामला सुरक्षा और जागरूकता दोनों का संकेत है। आम लोगों को सतर्क रहने, संदिग्ध गतिविधि देख कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करने और गलत सूचना से बचने की जरूरत है।
